वाटिकन सिटी, शनिवार, 24 जनवरी 2015 (वीआर सेदोक)꞉ रोम स्थित परमधर्मपीठीय ग्रेगोरियन विश्वविद्यालय के ‘डिगनितास कोन्नूबी’ अर्थात विवाह की गरिमा हेतु गठित अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस के वकीलों से वाटिकन के क्लेमेंटीन सभागार में शनिवार, 24 जनवरी को संत पापा फ्राँसिस ने मुलाकात कर, विवाह की अमान्यता घोषित करते हुए उन्हें आत्माओं की भलाई का ध्यान रखने कि सलाह दी।
डिगनितास कोन्नूबी’के प्रकाशन की दसवीं सालगिराह पर विवाह की अमान्यता या शून्यता के क्षेत्र में कार्यरत, धर्मप्रांतीय एवं अंतर-धर्मप्रांतीय स्तर के मंचों की परमधर्मपीठीय ग्रेगोरियन विश्वविद्यालय में आयोजित कॉग्रेस को संम्बोधित कर संत पापा ने कहा कि उनकी उपस्थिति एक बड़े सांत्वना का प्रतीक है जो आत्माओं की भलाई हेतु संलग्न हैं।
संत पापा ने कहा कि इस सभा में उनकी यह बड़ी संख्या, विवाह की गरिमा से संबंधित शिक्षा के महत्व को प्रदर्शित करती है जिसका उद्देश्य मात्र विवाह के कानूनी पक्ष पर ध्यान देना नहीं किन्तु विवाहितों को शिक्षा देकर उनके वैवाहिक संबंधों की रक्षा करना भी है।
‘डिगनितास कोन्नूबी’ द्वारा प्रकाशित निर्देशों के चिंतन में उन्होंने याद किया कि यह वास्तविक है तथा वैवाहिक प्रक्रिया में एकता के सूत्र का रक्षक भी।
संत पापा ने कहा कि उनकी उपस्थिति एवं उनके विश्वसनीय कार्य, निर्णयों को प्रभावित नहीं करते किन्तु उनकी निष्पक्षता को बढ़ावा देते हैं।
संत पापा ने प्रार्थना की कि वे आत्माओं की भलाई के रूप में ख्रीस्त की इच्छा को बखूबी निभा सकें।
All the contents on this site are copyrighted ©. |