2015-01-18 10:13:00

सत्तर लाख के लिये ख्रीस्तयाग से सम्पन्न हुई एशियाई यात्रा


मनीला, रविवार, 18 जनवरी 2015 (सेदोक): सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस ने रविवार, 18 जनवरी को मनीला के रिज़ाल पार्क में लगभग तीस लाख फिलीपीनी काथलिकों के लिये ख्रीस्तयाग अर्पित कर एशिया में अपनी 06 दिवसीय प्रेरितिक यात्रा सम्पन्न की।

12 जनवरी को सन्त पापा फ्राँसिस रोम से श्री लंका एवं फिलीपिन्स की 06 दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के लिये रवाना हुए थे। काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष पद पर नियुक्त होने के बाद से सन्त पापा फ्राँसिस की इटली से बाहर यह सातवीं, एशिया में दूसरी तथा श्री लंका एवं फिलीपिन्स में पहली यात्रा थी।

रविवार, 18 जनवरी को सन्त पापा फ्राँसिस ने मनीला स्थित परमधर्मपीठीय प्रेरितिक राजदूतावास से लगभग छः किलोमीटर की दूरी पर स्थित सन्त थॉमस परमधर्मपीठीय विश्वविद्यालय के लिये प्रस्थान किया। यहाँ उन्होंने फिलीपिन्स के धार्मिक नेताओं से मुलाकात की जिनमें हिन्दू, बौद्ध, इस्लाम, यहूदी एवं एवेन्जेलिकल एवं ऑरथोडोक्स ख्रीस्तीय सम्प्रदायों के नेता शामिल थे। ग़ौरतलब है कि फिलीपिन्स एशिया का एकमात्र काथलिक बहुल देश है जहाँ की लगभग दस करोड़ की आबादी में आठ करोड़ काथलिक धर्मानुयायी हैं।

मनीला का सन्त थॉमस विश्वविद्यालय एशिया का सर्वाधिक विशाल परमधर्मपीठीय  विश्वविद्यालय है। रविवार को, सन्त थॉमस विश्वविद्यालय के मैदान में एकत्र लगभग दो लाख युवाओं ने सन्त पापा फ्राँसिस के दर्शन किये तथा उनके समक्ष अपने साक्ष्य प्रस्तुत किये। 

कभी मनीला की सड़कों पर जीवन यापन करनेवाले 14 वर्षीय जून चूरा ने सड़कों पर अनुभवों को साझा किया और बताया कि कूड़े-कचरे में से खाने के लिये झगड़ना, टिन के डिब्बे से गोंद सूँघना और हर पल यौन दुराचार की ताक में रहनेवाले शिकारियों की पीड़ा सहना सामान्य बात थी। 12 वर्षीय जिज़ेल पालोमार रो पड़ी और सन्त पापा से पूछने लगी, उसका प्रश्न मानों सब प्रश्नों का प्रश्न था, "ईश्वर निर्दोष बच्चों को क्यों दुःख भोगने के लिये छोड़ देते हैं", इस प्रश्न पर सन्त पापा फ्राँसिस ज़ाहिरा रूप से भावप्रवण हो उठे, ऐसा प्रतीत हुआ मानों किसी उत्तर के लिये अपना दिल टटोल रहे हों। तनिक रुककर, उन्होंने कहा, "हम जब रोने में सक्षम होंगे जब ही हम आपके सवाल का जवाब देने के क़रीब आ पायेंगे। ऐसी कुछ वास्तविकताएँ हैं जो केवल आँसुओं से धुली आँखों  से ही देखी जा सकती हैं।"

इस बीच, फिलीपिन्स की पुलिस ने बताया कि शनिवार को ताकलोबान में सन्त पापा फ्राँसिस की यात्रा तैयारी टीम की एक 27 वर्षीय स्वयंसेविका की तेज़ हवा के झोंको से गिरनेवाले पाड़ से मृत्यु हो गई। वाटिकन प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी ने कहा कि जब सन्त पापा को इस दुखद घटना के बारे में बताया गया तो उन्होंने           








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