2015-01-16 14:46:00

समाज सुधार हेतु मन-परिवर्तन आवश्यक


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 16 जनवरी 2015 (वीआर सेदोक)꞉ श्रीलंका की दो दिवसीय यात्रा समाप्त कर संत पापा फ्राँसिस बृहस्पतिवार 15 जनवरी को फिलीपींस की राजधानी मनीला पहुँचे। जहाँ फिलीपिन्स के राष्ट्रपति बेनीन्यो आक्वीनो तृतीय ने अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ, राष्ट्रपति भवन में उनका खूब गरमजोशी से स्वागत किया।

16 जनवरी के इस स्वागत समारोह में कृतज्ञता व्यक्त करते हुए संत पापा ने उन्हें सम्बोधित कर कहा, ″फिलीपींस में मुझे निमंत्रण देने के लिए मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूँ। यहाँ मेरी यात्रा प्रेरितिक है।″

संत पापा ने कहा कि उनकी यात्रा विशेष रूप से, उन भाई बहनों के प्रति आध्यात्मिक सामीप्य प्रदान करना है जो हैय्यान समुद्री तूफान से प्रभावित हैं। प्राकृतिक विध्वंस की इस विकट परिस्थिति में आपकी शक्ति, आस्था और परिस्थिति के अनुरूप अपने आपको ढाल पाने के अदम्य साहस को हम सभी ने देखा है। आशा एवं एकता में निहित ये सभी सद्गुण ख्रीस्तीय विश्वास से प्रवाहित होता है जो भलाई तथा उदारता को प्रोत्साहन देता है खासकर युवाओं को। इस राष्ट्रीय संकट काल में बहुत से लोगों ने उदारता पूर्वक समय देकर जन कल्याण हेतु एक-दूसरे की मदद की। पुनःनिर्माण में एकता का ये उदाहरण हमें महत्वपूर्ण सीख देता है। एक परिवार के अनुरूप समाज के सभी हिस्से नई चुनौतियों का सामना करने हेतु इसके संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।

संत पापा ने कहा कि एशिया के अन्य देशों के समान आधुनिक समाज की नींव डालने हेतु फिलीपींस भी कई चुनौतियाँ झेल रहा है जैसे, मौलिक मानवीय मूल्यों का सम्मान, ईश्वर प्रदत मानव प्रतिष्ठा और अधिकार की रक्षा हेतु नये एवं जटिल राजनीतिक तथा जातीय सवालों का जवाब देने में। देश के उन उत्तम लक्ष्यों को हासिल करने हेतु आवश्यक है सामाजिक न्याय एवं मानव प्रतिष्ठा को बनाये रखना। यह हमें अन्याय तथा शोषण के बंधन तोड़ने तथा अपमानजनक कार्यों को न करने एवं सामाजिक असमानता दूर करने का आदेश देता है। समाज में सुधार लाने के लिए सर्वप्रथम, मन और हृदय परिवर्तन की आवश्यकता है। आशा करता हूँ कि ‘ग़रीबों को समर्पित’ यह वर्ष समाज की बुराई दूर करने में कामयाब होगा जो समाज के संसाधनों के स्वतंत्र उपयोग से ग़रीबों को वंचित कर देता है।

संत पापा ने समाज में परिवार की भूमिका पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि इसकी भूमिका अहम है विशेषकर, युवाओं के लिए। समाज में परिवार का कर्तव्य अनिवार्य है। परिवार में ही बच्चों को मानव मूल्यों तथा दूसरों के प्रति उदार बनने की शिक्षा मिलती है किन्तु ईश्वर के अन्य वरदानों के समान परिवार भी नष्ट कर दिये जाते हैं अतः इसे हमारे समर्थन की आवश्यकता है।

संत पापा ने फिलीपींस के लोगों द्वारा एशिया के अन्य देशों के साथ समझदारी एवं सहयोग की भावना की सराहना करते हुए शुभकामना दी कि फिलीपींस के गहरे आध्यात्मिक मूल्य, आने वाले दिनों में भी उनके हर प्रयासों में जारी रहे ताकि देश के सभी नागरिकों का अखंड मानवीय विकास सम्भव हो। उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि देश के विभिन्न धर्मानुयायी वार्ता एवं आपसी सहयोग द्वारा देश में शांति बनाये रख कर उस लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब होंगे।

 

 








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