2015-01-13 14:39:00

कलीसिया का सभी धर्मों के प्रति सम्मान


कोलंबो, मंगलवार, 13 जनवरी 2015 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार 13 जनवरी को श्रीलंका की राजधानी कोलंबो स्थित भण्डारनाईके मेमोरियल कॉफ्रेस हॉल में विभिन्न धर्मों के नेताओं एवं प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उन्हें सम्बोधित किया।

संत पापा ने कहा कि पूर्व संत पापाओं के समान वे श्रीलंका के प्रति काथलिक कलीसिया के अगाध प्रेम एवं सद्भावना को प्रकट करने के लिए यहाँ आये हैं।

उन्होंने कहा कि यहाँ ख्रीस्तीय विश्वासियों से मुलाकात करना उनके लिए ईश्वर की बड़ी कृपा है ताकि वे उन्हें विश्वास में सुदृढ़ करें, उनके लिए प्रार्थना करें तथा उनके सुख-दुःख को बांट सकें।

संत पापा ने धर्मों के प्रति काथलिक कलीसिया के दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए कहा, ″ द्वितीय वाटिकन महासभा में यह घोषणा की गयी है कि काथलिक कलीसिया सभी धर्मों के प्रति बड़े आदर की भावना रखती है तथा धर्मों की सच्चाई एवं पवित्रता को कभी नहीं नकारती। वह उनकी जीवन शैली, उनके आचरण एवं सिद्धांतों का सम्मान करती है।″ (नोस्त्रा अएताते-2) संत पापा ने सभी धर्मों के प्रति कलीसिया की भावना को प्रकट करते हुए कहा कि उनकी परम्परा एवं आस्था के प्रति काथलिक कलीसिया के सम्मान को मैं पुनः सुदृढ़ करता हूँ।

उन्होंने कहा, ″इसी सम्मान की भावना के साथ कलीसिया आपके साथ सहयोग करना चाहती है तथा उन सभी लोगों के साथ जो श्रीलंका की भलाई की कामना करते हैं।″ एक-दूसरे को जानने, समझने तथा एक दूसरे का सम्मान करने के लिए वार्ता की अति आवश्यकता है। विविध प्रकार की हमारी आस्था, परम्परा एवं संस्कृति को मजबूत होने में यह वार्ता निश्चय ही, हमारी मदद करेगा। धर्मों को मानने के कई माध्यम हैं खासकर, गरीबों, असहाय तथा दुःखी लोगों की भौतिक और आध्यात्मिक आवश्यकताओं को पूरा करते हुए।

संत पापा ने विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों से कहा꞉ कि शांति के खातिर, युद्ध और हिंसा को भड़काने के लिए धार्मिक आस्था का दुरूपयोग कदापि नहीं होना चाहिए। हमें अपने-अपने समुदायों के समक्ष शांति के प्रति हमारे समर्पण के लिए स्पष्ट होना चाहिए तथा हिंसा का सदैव खण्डन करना चाहिए।








All the contents on this site are copyrighted ©.