2015-01-12 12:15:00

निर्धनता, वार्ता, जलवायु परिवर्तन पर केन्द्रित रहेगी सन्त पापा की एशियाई यात्रा


वाटिकन सिटी, सोमवार, 12 जनवरी 2015 (सेदोक):  सन्त पापा फ्राँसिस सोमवार 12 जनवरी को रोम से श्री लंका तथा फिलीपिन्स में अपनी सात दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के लिये रवाना हो रहे हैं। यात्रा के प्रथम तीन दिन श्री लंका में तथा शेष दिन सन्त पापा फिलीपिन्स में व्यतीत करेंगे। 19 जनवरी को वे पुनः रोम लौटेंगे। 

सन्त पापा फ्राँसिस की यह सातवीं विदेश यात्रा है। एशिया में यह उनकी दूसरी प्रेरितिक यात्रा है। विगत वर्ष अगस्त माह में उन्होंने दक्षिण कोरिया की यात्रा की थी।

श्री लंका तथा फिलीपिन्स में सन्त पापा फ्राँसिस की यात्रा मुख्यतः पुनर्मिलन, अन्तरधार्मिक वार्ता, निर्धनता एवं पर्यावरण की सुरक्षा पर केन्द्रित रहेगी।

एशिया के एकमात्र काथलिक बहुल राष्ट्र फिलीपिन्स में सन्त पापा राजधानी मनीला के अतिरिक्त ताकलोबान का भी दौरा कर रहे हैं जहाँ सन् 2013 में आये हाययान तूफान में 6,300 लोग मारे गये थे।

वाटिकन के प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से त्रस्त इस क्षेत्र के लोगों के प्रति एकात्मता प्रदर्शित करते हुए फिलीपिन्स में सन्त पापा जलवायु परिवर्तन तथा इसके दुष्प्रभाव पर अवश्य ही ध्यान केन्द्रित करेंगे। 

उन्होंने कहा कि श्री लंका में सन्त पापा की प्रेरितिक यात्रा दशकों के गृहयुद्ध के उपरान्त पुनर्मिलन और क्षमा के महत्व पर प्रकाश डालेगी, विशेष रूप से, मधु नगर के मरियम तीर्थ से सन्त पापा पुनर्मिलन का सन्देश प्रसारित करेंगे।   

श्री लंका की कुल आबादी का 70 प्रतिशत बौद्ध धर्मानुयायी है जबकि 13 प्रतिशत यहाँ हिन्दू धर्मानुयायी, 10 प्रतिशत इस्लाम धर्मानुयायी तथा केवल 07 प्रतिशत काथलिक धर्मानुयायी हैं। फादर लोमबारदी के अनुसार विभिन्न धर्मों के बीच मैत्री, सौहार्द्र एवं शांतिपूर्ण सहअस्तित्व को प्रोत्साहन देते हुए सन्त पापा फ्राँसिस श्री लंका में अन्तरधार्मिक वार्ता के महत्व पर प्रकाश डालेंगे।   








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