2015-01-10 16:08:00

संत पापा का संदेश नेपाली गुलामों से लिए सुरक्षा


काठमाण्डू, शनिवार, 10 जनवरी 2015 (एशियान्यूज़)꞉ 48 वें विश्व शांति दिवस पर प्रकाशित संत पापा फ्राँसिस के संदेश का सहारा लेकर नेपाल की सरकार अरब देशों में गुलाम अपने नागरिकों की मदद करेगी।

नेपाल के हज़ारों लोग हर वर्ष काम की तलाश में अपना देश छोड़कर विदेशों में जाते हैं किन्तु दुर्भाग्यवश, कई लोग मानव तस्करी के शिकार हो जाते हैं जिन्हें अमानवीय परिस्थितियों में भी कार्य करना पड़ता है।

नेपाल सरकार ने इस दिशा में पहले ही कई कदम उठाये हैं किन्तु विदेशों में जीवन यापन कर रहे नेपाली उन्हीं देशों के क़ानूनों के अधीन होने के कारण वह अपने प्रयास में असफल रही है।

एशियान्यूज़ के अनुसार हाल में कुवैत में नेपाल के दूतावास में 135 महिलाओं को गुप्त रखा गया है जो अपने घर वापस जाना चाहतीं हैं तथा उन कार्यों को करना नहीं चाहती हैं जिन्हें करने के लिए वे बाध्य की जा रही थीं। 

ज्ञात हो कि खाड़ी के देशों में ‘काफाला’ नामक एक व्यवस्था है जिसके तहत कम्पनी के मालिकों को यह अधिकार है कि वे अपनी कम्पनी में कार्यरत विदेशी मज़दूर के सभी दस्तावेजों को जब्त कर ले ताकि मजदूर उस नौकरी से न भाग सके और न ही नौकरी बदल सके।

नेपाल के श्रम मंत्री तेक बहादूर गुरूंग ने कहा कि नेपाली सरकार इस समस्या के समाधान हेतु पूरी तरह जुट चुका है अब सिर्फ कुवैत से उत्तर पाने का इंतजार है। उन्होंने कहा, ″हमारी मांग और चुयन, संत पापा के वैश्विक प्रोत्साहन के समय से ही मजबूत हुआ है।″

नेपाल के विदेश रोजगार विभाग से प्राप्त आँकड़े के आधार पर करीब 4 लाख नेपाली अभी कुवैत में रह रहे हैं।

संत पापा ने संदेश में कहा था, ″अशिक्षित प्रवासियों को गुलाम श्रमिकों के रूप में दुरूपयोग की  तेजी से वृद्धि हो रही है।″  

श्रम मंत्री के सचिव पुणा चंद्रा भट्ठा राई ने कहा, ″नेपाल में मात्र 2 प्रतिशत लोग प्रशिक्षित होते हैं 23 प्रतिशत आधे प्रशिक्षित तथा 75 प्रतिशत निरक्षर होते हैं।″  

उन्होंने कहा कि देश के 95 प्रतिशत लोग मलेशिया तथा खाड़ी के देशों में काम की खोज हेतु चले जाते हैं।








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