2015-01-10 13:59:00

प्रताड़ित ख्रीस्तीयों के संख्या 100 मिलियन पहुँची


कैलिफोर्निया, शुक्रवार 10 जनवरी, 2015 (सीएनए) कैलिफोर्निया में अवस्थित संस्थान की एक रिपोर्ट के अऩुसार विश्व में प्रताड़ित ख्रीस्तीयों की संख्या 100 मिलियन हो गयी है।

संस्थान के निदेशक डेविड करी ने बताया कि हाल के वर्षों में ख्रीस्तीयों को प्रताड़ित करने की घटनाओं में वृद्धि हुई है।

ऑपन डोक यूएसए के वर्ष 2015 के रिपोर्ट के अनुसार विश्व में 50 ऐसे राष्ट्र हैं जहाँ ख्रीस्तीय विश्वास को जीना अत्यंत कठिन है।इन राष्ट्रों में ख्रीस्तीय असहिष्णुता और हिंसा के शिकार होते रहे हैं।

संस्थान ने प्रताड़ना को परिभाषित करते हुए कहा है कि येसु के नाम के साथ खुद को एक करने के करने दुश्मनी का अनुभव करना जिसमें हिरासत में लिया जाना, सताया जाना, सिर धड़ से अलग कर देना, बलात्कार तथा धन संपति और मकान गंवा देना शामिल है। इसके साथ घर से निकाल दिया जाना, नौकरी से बर्खास्त और समुदाय से बहिष्कृत किया जाना भी शामिल है। 

रिपोर्ट के अनुसार उत्तरी कोरिया सबसे कट्टर ईसाई विरोधी देश रहा है जहाँ 70 हज़ार ईसाइयों को उनके विश्वास के लिये ही बंदीगृह में डाल दिया गया है।

दूसरी ओर अफ्रीका में भी इस्लाम अतिवादियों के कारण ईसाई विरोधी हिंसा बढ़े हैं। सोमालिया जहाँ कमजोर सरकार होने के कारण ईसाइयों पर अत्याचार होते रहे हैं जबकि ईसिस लड़ाकों के कारण इराक तथा सीरिया में भी ख्रीस्तीयों का जीवन तबाह है।

ईसाई विरोधी हमलों में अफगनिस्तान को पाँचवा और और पाकिस्तान को आठवाँ स्थान प्राप्त है। इरान को सातवाँ तथा सूडान और इरीत्रिया भी दस स्थानों के अन्दर आते हैं।

नाइजीरिया में बोको हराम के ईसाई तथा पश्चिमी शिक्षा विरोधी कारनामों के कारण पहली बार 10 के अन्दर स्थान बनाया है।

भारत में ख्रीस्तीयों की स्थिति अच्छी नहीं है ईसाई विरोधी हिंसा और प्रताड़ना में उसे 21वाँ स्थान प्राप्त है। भारत में हिन्दु अतिवादियों के कारण कई लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को हिंसा का शिकार बनाया जाता है। कई बार उन्हें उनकी ज़मीन, घर औ समुदाय से भी बेदखल कर दिये जाने के रिपोर्ट पाये गये हैं।

सर्वेक्षण में धर्मसतावट के अलावा धार्मिक स्वतंत्रता और हिंसा की तीव्रता के बारे में भी खोज किये गये। 








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