2015-01-09 14:42:00

सरकारी मदद के मामले में काथलिकों के दो मत


गोवा, शुक्रवार 9 जनवरी, 2015 (उकान) श्री लंका में धन्य जोसेफ वाज़ के संत बनाये जाने के लिये आयोजित समारोह में सम्मिलित होने के लिये गोवा सरकार ने  ' सब्सिडी '  देने की घोषणा का कुछ ख्रीस्तीयो ने विरोध किया है।

विदित हो संत घोषणा के संत पापा फ्राँसिस तीन दिवसीय प्रेरितिक यात्रा पर 12 जनवरी को श्री लंका की प्रेरितिक यात्रा कर रहे हैं जिसमें बड़ी संख्या में लोगों के हिस्सा लेने की संभावना है। 

विदित हो कि गोवा निवासी धन्य जोसेफ वाज़ वे 17वीं शताब्दी में श्रीलंका में ख्रीस्तीय धर्म को संगठित किया था।

सरकार की घोषणा कि वैसे ख्रीस्तीय जिनकी वार्षिक आये तीन लाख से कम है उनके लिये हवाई यात्रा का आधा खर्च सरकार वहन करेगी। गोवा से श्रीलंका का हवाई किराया 1200 रूपया (करीब 150 डॉलर) है।

सीबीसीआई के उप महासचिव चिन्नायन ने सरकार के प्रस्ताव का स्वागत किया है पर धन्य जोसेफ के लिये संत प्रकरण के लिये कार्य करने वाले सहायक पोस्तुलेतर फादर एरमितो रेबल्लो का कहना है कि सरकार इस प्रकार की अनुवृत्ति या सहायता देना किसी भी धर्मावलंबियों के लिये बन्द कर दे।

उनका कहना है कि सरकार को चाहिये कि वह कार्यक्रम के आयोजन में समुदायों को मदद करना चाहिये ना कि हवाई किराया का आधा वहन करने में क्योंकि कई बार इससे गरीबों को कुछ सहायता नहीं मिलती है। अनुवृत्ति या सहायिकी का लाभ धनी वर्ग के लोगों तथा सरकारी कार्यलयों में कार्यरत लोगों को ही मिल जाता है।

उधर फादर चिन्नायन का कहना है कि इससे गरीब तबके के लोगों को इस ऐतिहासिक समारोह में भाग लेने का अवसर मिलेगा।

विदित हो कि गोवा में काथलिकों की कुल संख्या 1.8 मिलियन अर्थात् 26 प्रतिशत रोमन काथलिक है।

धन्य जोसेफ वाज़ का जन्म 21 अप्रैल 1661 ईस्वी में पोर्तुगीज कॉलोनी गोवा में हुआ था। फादर जोसेफ के सामाजिक तथा धार्मिक क्रिया-कलापों में योगदान के लिये उनका विशेष सम्मान दिया जाता है।

 



 








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