2015-01-08 15:04:00

मुक्ति इतिहास में मरियम की भूमिका पर चिन्तन


वाटिकन सिटी, गुरवार, 1 जनवरी 2015 (सेदोक): रोम स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में, नववर्ष सन् 2015 का उदघाटन करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तयाग अर्पित किया। इस अवसर पर उन्होंने अपने प्रवचन में येसु एवं मरियम के बीच सम्बन्ध तथा मानव मुक्ति इतिहास में माता मरियम की भूमिका पर चिन्तन किया।

उन्होंने कहा कि पहली जनवरी को ईश माता मरियम का महापर्व मनाते हुए कलीसिया यह स्मरण दिलाती है कि ईश माता बनने का आशीर्वाद पानेवाली मरियम पहली स्त्री हैं। किसी अन्य मानव प्राणी ने स्वतः पऱ ईश्वर के मुखमण्डल को इस तरह चमकते नहीं देखा जैसा कि मरियम ने देखा. मरियम ही ने अनन्त शब्द को मूर्तरूप दिया ताकि हम सब उसपर चिन्तन कर सकें।

सन्त पापा ने कहा ......... “ईशपुत्र के मुखमण्डल पर चिन्तन करने के साथ-साथ हम बेथलेहेम के चरवाहों के सदृश उनकी स्तुति कर सकते हैं जो बालक येसु को उनकी युवा माता के साथ देखकर ईश्वर की प्रशंसा करने लगे थे। वे एक साथ थे, ठीक वैसे ही जैसे वे कलवारी पर एक साथ थे क्योंकि ख्रीस्त एवं उनकी माता अवियोज्य हैं: उनके बीच घनिष्ठ सम्बन्ध है, जैसा कि हर माँ की अपने बच्चे के साथ होता है। ख्रीस्त का शरीर, जो हमारी मुक्ति का मूल एवं केन्द्र है, मरियम के गर्भ में गढ़ा गया।“ सन्त पापा ने कहा कि इस तथ्य से भी मरियम एवं येसु के बीच विद्यमान इस अवियोज्यता को अर्थ मिलता है कि मुक्तिदाता की माँ बनने के लिये चुनी गई मरियम बहुत क़रीबी से येसु के मिशन में भागीदार बनी और कलवारी तक भी उनके साथ रहीं।“
सन्त पापा ने कहाः “मरियम इसलिये येसु से संयुक्त हैं क्योंकि उन्होंने ममतामयी अनुभव से पोषित होकर तथा अपने पुत्र के साथ आत्मीय सम्बन्ध द्वारा हृदय की चेतना प्राप्त की, विश्वास की चेतना प्राप्त की। पवित्र कुँवारी विश्वास की वह महिला है जिन्होंने अपने हृदय में ईश्वर एवं उनकी योजना के लिये जगह बनाई। यही कारण है कि मरियम के बिना येसु को समझा नहीं जा सकता।“

उन्होंने आगे कहा........ “इसी प्रकार ख्रीस्त एवं उनकी कलीसिया भी अवियोज्य हैं तथा कलीसिया के मातृत्व को समझे बिना येसु द्वारा हासिल मुक्ति को नहीं समझा जा सकता क्योंकि कलीसिया ही है जो मुक्तिदाता येसु ख्रीस्त की उदघोषणा करती तथा कलीसिया ही है जिसमें येसु अपने मुक्तिदायी कार्य को जारी रखते हैं।“ उन्होंने कहा कि येसु प्रत्येक मनुष्य एवं सम्पूर्ण मानवजाति का आशीर्वाद हैं तथा कलीसिया येसु को हमारे लिये प्रस्तावित कर ईश्वर के आशीर्वाद को हम तक पहुँचाती है।

 








All the contents on this site are copyrighted ©.