कराची, मंगलवार, 23 दिसम्बर 2014 (ऊका समाचार): पाकिस्तान के अधिकारियों ने उस विवादास्पद
मौलवी के नाम गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है जिसपर तालिबान को समर्थन देने का आरोप
है।
इस्लामाबाद स्थित लाल मस्जिद के मौलाना अब्दुल अज़ीज उर्फ "मुल्ला बुरका" पर तालिबान
को समर्थन देने का आरोप है। सन् 2007 में लाल मस्जिद पर सेना के छापे के दौरान मौलाना
अब्दुल अज़ीज ने बुरका पहनकर फरार होने का नाकाम प्रयास किया था तब से ही वे मुल्ला बुरका
के नाम से विख्यात हो गये हैं। तदोपरान्त, उन्हें गिरफ्तार कर राजधानी इस्लामाबाद की
सड़कों पर घुमाया गया था जिसका सीधा प्रसारण टेलेविज़न पर किया गया था।
इस समय पाकिस्तान में मुल्ला बुरका की गिरफ्तारी की मांग करते हुए लोग सड़कों पर प्रदर्शन
कर रहे हैं इसलिये कि विगत सप्ताह तालिबान द्वारा पेशावर में 132 बच्चों सहित 149 व्यक्तियों
की हत्या को उन्होंने उचित ठहराया है। उन्होंने कहा है कि "पेशावर के स्कूल में हुई हत्याएं
तालिबान द्वारा प्रतिशोध की उचित कार्रवाई थी।"
मौलाना ने तालिबान को "हमारे भाई" कहकर भी सम्बोधित किया तथा उनके विरुद्ध सरकार की सैन्य
कार्रवाई की निन्दा कर उसे ग़ैर-इस्लामी बताया।
आतंकवादी तालिबान दल की तरफदारी करने के लिये मुल्ला बुरका की गिरफ्तारी की मांग करते
हुए मानवाधिकार कार्यकर्ता समूहों तथा मध्यममार्गी राजनीतिज्ञों ने, इस सप्ताहान्त, इस्लामाबाद
के लाल मस्जिद के सामने तथा कराची में भी विरोध प्रदर्शन किये।
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