वाटिकन सिटी, मंगलवार, 30 दिसम्बर 2014 (सेदोक): वाटिकन रेडियो एवं वाटिकन प्रेस कार्यालय
के निर्देशक फादर फेदरीको लोमबारदी ने साल 2014 का पुनरावलोकन करते हुए कहा है कि यह
वर्ष सन्त पापा फ्राँसिस का अत्यधिक व्यस्त एवं अर्थगर्भित वर्ष रहा है।
सोमवार को वाटिकन रेडियो को दी एक भेंटवार्ता में फादर लोमबारदी ने इस वर्ष सम्पन्न सन्त
पापा के समारोहों, प्रवचनों, प्रेरितिक यात्राओँ एवं अपीलों को याद किया। उन्होंने कहा
कि लोगों के साथ सन्त पापा फ्राँसिस के साक्षात्कारों की छवियाँ प्रभावात्मक ढंग से हमारे
मनो-मस्तिष्क पर छाई रहेंगी जिनमें प्रायः उन्हें कठिन परिस्थिति से गुज़र रहे लोगों
को आशीष देते तथा बीमारों, विकलांगों एवं बच्चों का आलिंगन करते देखा गया।
सन् 2014 में सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा सम्पन्न पवित्रभूमि इसराएल एवं फिलीस्तीन, कोरिया,
अल्बानिया, स्ट्रासबुर्ग एवं तुर्की की प्रेरितिक यात्राओँ के विषय में फादर लोमबारदी
ने कहा कि प्रत्येक यात्रा में सन्त पापा देश विशेष के लिये अपना विशिष्ट सन्देश लेकर
पहुँचे।
उन्होंने कहा, “पवित्रभूमि में ख्रीस्तीय धर्म की जड़ों तथा मुक्ति इतिहास के स्थलों
पर सन्त पापा की यात्रा सुदृढ़ प्रतीकों एवं आध्यात्मिक शक्ति से भरी रही। कोरिया में
उनकी यात्रा एशिया के प्रति कलीसिया की उत्कंठा को व्यक्त करती है जहाँ, सामाजिक, राजनैतिक
एवं सांस्कृतिक विविधताओं तथा जनसंख्या की दृष्टि से, मानवजाति का एक विशाल हिस्सा जीवन
यापन करता है।
उन्होंने कहा कि अलबानिया एवं स्ट्रासबुर्ग में सम्पन्न यात्राओं द्वारा सन्त पापा ने
सम्पूर्ण यूरोपीय महाद्वीप को उसकी ख्रीस्तीय जड़ों का स्मरण दिलाना चाहा तथा तुर्की
में ख्रीस्तीयों के बीच एकता तथा इस्लाम धर्मानुयायियों के साथ अन्तरधार्मिक सम्वाद पर
उन्होंने बल दिया।
फादर लोमबारदी ने स्मरण दिलाया कि प्रेरितिक यात्राओं के अतिरिक्त सन् 2014 में, सन्त
पापा जॉन पौल द्वितीय एवं सन्त पापा जॉन 23 वें की सन्त घोषणा, सन्त पापा फ्राँसिस के
पांचाग की सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटना रही जिसने सम्पूर्ण विश्व के लगभग पाँच लाख तीर्थयात्रियों
को वाटिकन तथा सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के इर्द-गिर्द एकत्र कर दिया था।
उन्होंने कहा, “अक्टूबर माह में वाटिकन में परिवार पर सम्पन्न विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा
ने निर्धनों, शोषित लोगों, मानव तस्करी के शिकार लोगों तथा धर्म के कारण सताये जा रहे
लोगों के लिये न्याय एवं शांति की आवश्यकता को प्रकाशित किया।“
फादर लोमबारदी ने स्मरण दिलाया कि इस वर्ष कई बार सन्त पापा ने युद्धग्रस्त क्षेत्रों
में उत्पीड़ित लोगों के लिये प्रार्थना की अपीलें की। सिरिया तथा ईराक की त्रासदिक घटनाओं
पर चिन्ता व्यक्त की तथा सभी शुभचिन्तकों एवं सदभावना रखनेवालों से उन्होंने आप्रवासियों
एवं शरणार्थियों के प्रति एकात्मता की अपील की।
इसके अतिरिक्त, फादर लोमबारदी ने कहा कि वाटिकन के कार्यालयों तथा परमधर्मपीठीय परिषदों
में सुधार लाने हेतु इस वर्ष सन्त पापा फ्राँसिस के प्रयास सराहनीय रहे हैं जिनसे परमधर्मपीठ
एवं वाटिकन में कार्यरत धर्माधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों को अपने अन्तःकरण की जाँच
का मौका मिला है।
फादर लोमबारदी ने कहा कि सन् 2014 में सन्त पापा फ्राँसिस के कार्यों को यदि एक शीर्षक
दिया जाये तो उसे हम “साक्षात्कार की संस्कृति कह सकते हैं जो इस वर्ष के अन्त में क्यूबा
एवं संयुक्त राज्य अमरीका को निकट लाने में सन्त पापा की भूमिका में स्पष्टतः परिलक्षित
हुई है।
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