2014-12-29 14:44:20

'विमान के समुद्र में गिरने के संकेत'


जकार्ता, सोमवार 29 दिसंबर, 2014 (बीबीसी) जावा सागर के ऊपर रविवार सुबह लापता हुए एयर एशिया के प्लेन का 30 घंटे बाद भी कोई सुराग नहीं मिला है। कई देश लापता प्लेन को खोजने में इंडोनेशिया की मदद कर रहे हैं। इस बीच, खोजी दलों ने इंडोनेशिया के तटीय क्षेत्र में समुद्र के पानी में अभियान शुरू कर दिया। एक राहत अधिकारी ने कहा कि प्लेन QZ8501 के समुद्र के तल में होने की आशंका है।

इंडोनेशियाई खोज और बचाव एजेंसी के चीफ सियोलिस्तो ने न्यूज़ कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हमारे खोज अभियान से जुटी जानकारी के आधार पर हमें आशंका है कि प्लेन समुद्र में गिरा है और यह समुद्र की तलहटी में हो सकता है।' हालांकि लापता विमान को खोजने के लिए अभियान मंगलवार को भी जारी है।
ये विमान इंडोनेशिया के सुरबाया शहर से सिंगापुर जा रहा था और इसमें 162 यात्री सवार थे.
अधिकारी बैमबैंग सोलिस्तियो ने कहा कि इंडोनेशिया के पास ऐसी तकनीकी क्षमता नहीं है कि वो विमान को समुद्र तल से निकाल सके.
उन्होंने दूसरे देशों से मदद की अपील की है. जावा समुद्र के बेलीतुंग द्वीप के ईर्द-गिर्द विमान की तलाश की जा रही है.
एयर एशिया के मालिक टॉनी फ़र्नांडिस ने इसे अपने जीवन की सबसे ख़राब घटना बताया.
उन्होंने कहा, "विमान में सवार लोगों के रिश्तेदारों और क्रू टीम के परिवारों की चिंता हमारी पहली प्राथमिकता है. इसके अलावा फ़िलहाल हम कुछ नहीं सोच रहे हैं."
विमान को खोजने में इंडोनेशिया के 12 समुद्री जहाज़, तीन हेलिकॉप्टर और पांच मिलिट्री एयरक्राफ़्ट विमान लगे हुए हैं.
इसके अलावा मलेशिया का एक सी-130 विमान, तीन जहाज़ और सिंगापुर का एक सी-130 विमान भी तलाश कार्य में जुटे हैं.
ऑस्ट्रेलिया भी इस मिशन में सहयोग दे रहा है. विमान की बेलीटांग द्वीप के आसपास खोजा जा रहा है.
इंडोनेशिया के यातायात मंत्रालय ने कहा, "हमारा पहला मक़सद विमान खोजना है. इसके लिए हम हर संबंधित देश के साथ इस कार्य में पूरा सहयोग कर रहे हैं.
इस हादसे के बाद सोमवार को कुआलालंपुर शेयर बाज़ार में शुरुआती तौर पर एयर एशिया के शेयरों में 11.6 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
ये विमान स्थानीय समयानुसार रविवार सुबह पांच बजकर 35 मिनट पर इंडोनेशिया के सुरबाया शहर से रवाना हुआ था।
इसे स्थानीय समय सुबह आठ बजकर 30 मिनट पर सिंगापुर पहुंचना था. लेकिन सुबह छह बजकर 24 मिनट पर इसका कंट्रोल रूम से आख़िरी बार संपर्क हुआ था।
विमान के पायलट ने ख़राब मौसम के मद्देनज़र विमान के लिए असामान्य रूट की मांग की थी लेकिन किसी तरह की इमरजेंसी घोषित नहीं की थी।








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