2014-12-24 08:48:56

प्रेरक मोतीः सन्त आदेले (निधन 730 ई.)


वाटिकन सिटी, 24 दिसम्बर सन् 2014:

आदेले आठवीं शताब्दी की एक धर्मपरायण काथलिक विधवा थीं। वे जर्मनी के राजा दागोबेर्ट द्वितीय की सुपुत्री थीं जिन्होंने अपने पति की मृत्यु के बाद अपना जीवन ईश्वर और पड़ोसी की सेवा में अर्पित करने का प्रण कर लिया था। पति के निधन के बाद आदेले ने अपनी सारी सम्पत्ति अपने पुत्र के नाम कर दी थी। उनके यही पुत्र बाद में जाकर ऊटरेख्ट के सन्त ग्रेगोरी के पिता हुए।


जर्मनी के ट्रियर शहर के निकट, आदेले ने पालातियोलियुम में, एक मठ की स्थापना की थी जिसकी वे प्रथम मठाध्यक्षा बनी। पवित्रता, विवेक एवं दया से परिपूर्ण होकर उन्होंने मठ का संचालन किया। मठ का प्रमुख मिशन ज़रूरतमन्दों को सहायता प्रदान करना था। जर्मनी के प्रेरित सन्त बोनिफास के पत्रों में आदेले को सम्बोधित एक पत्र पाया गया है जिससे यह अनुमान लगाया जाता है कि आदेले सन्त बोनीफास के अनुयायियों में से एक थी। कल्याणकारी कार्यों एवं ईश्वर की सहभागिता में व्यतीत जीवन के उपरान्त सन् 730 ई. में धर्मी महिला आदेले का निधन हो गया था। सन्त आदेले का पर्व 24 दिसम्बर को मनाया जाता है।



चिन्तनः "वह प्रत्येक मनुष्य को उसके कर्मों का फल देगा। जो लोग धैर्यपूर्वक भलाई करते हुए महिमा, सम्मान और अमरत्व की खोज में लगे रहते हैं, ईश्वर उन्हें अनन्त जीवन प्रदान करेगा" (रोमियो 2:6-7)।








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