बेरट, शनिवार, 20 दिसम्बर 2014 (एशियान्यूज़)꞉ सीरिया के करीब 30,000 बच्चे जिनका जन्म
लेबनान के शरणार्थी शिविर में हुआ है, किसी भी देश में पंजीकृत नहीं होने के कारण उन्हें
किसी देश की नागरिकता प्राप्त नहीं है जिसके कारण उनमें बुनियादी अधिकारों से वंचित होने
की समस्या दिखाई पड़ रही है।
अंतरराष्ट्रीय ग़ैरसरकारी संस्थाओं तथा संयुक्त
राष्ट्रसंघ के बाल सुरक्षा विभाग (यूनिसेफ) ने चेतावनी दी है कि मध्यपूर्व के देशों में
ऐसे बच्चों की संख्या बढ़कर 33 लाख हो गयी है।
यह ग़ौर किया जा रहा है कि बिना
पंजीकरण के बच्चों को किसी भी देश की नागरिकता प्राप्त नहीं है। किसी देश की नागरिकता
प्राप्त नहीं होने तथा कोई भी दस्तावेज नहीं रहने के कारण वे बुनियादी अधिकारों से वंचित
हो जायेंगे।
जानकारों का कहना है कि बिना जन्म प्रमाण पत्र, पहचान पत्र या अन्य
दस्तावेजों के बुनियादी आवश्यकताओं जैसे, विवाह, शिक्षा-दीक्षा, नौकरी आदि की सुविधा
नहीं मिल पायेगी।
इस समस्या के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्रसंघ ने दस वर्षों में
विश्व भर के अनुमानतः 10 लाख बच्चों की ग़ैर-नागरिकता समाप्त करने के लिए पिछले महीने
एक प्रमुख अभियान का शुभारंभ किया। सीरिया में संघर्ष एक बड़ी समस्या है जिसे बचने
के लिए करीब 3 लाख लोग पड़ोसी देशों में भागकर शरण ले रखी है।
72 हजार बच्चों
में से लगभग 70 प्रतिशत सीरियाई बच्चों को जन्म शरणार्थी शिविरों में हुआ है जिसके कारण
उनका पंजीकरण नहीं हो पाया है।