रोमी शहादतनामे में अलग अलग तिथियों पर सन्त
रुफुस का पर्व मनाया जाता है। ये सभी सन्त भिन्न भिन्न युगों के सन्त हैं। सन्त रुफुस
जिनका पर्व 18 दिसम्बर को मनाया जाता है अन्ताखिया या सम्भवतः फिलीप्पी के नागरिक थे।
सम्राट त्रायान के शासनकाल में सन्त रुफुस को अन्ताखिया के सन्त इग्नेशियस के साथ रोम
लाया गया था। रोम में इन सन्तों को उनके ख्रीस्तीय विश्वास के ख़ातिर अपने प्राणों की
आहुति देनी पड़ी थी। सन्त इग्नेशियुस की शहादत से दो दिन पूर्व ही सन्त रुफुस को खूँखार
पशुओं के अखाड़े में छोड़ दिया गया था जहाँ प्रभु ख्रीस्त में अपने विश्वास के ख़ातिर
उन्होंने अपने प्राण न्यौछावर कर दिये थे। अन्ताखिया के शहीद सन्त रुफुस का पर्व 18 दिसम्बर
को मनाया जाता है।
चिन्तनः "धन्य हैं वे, जो धार्मिकता के कारण अत्याचार
सहते हैं! स्वर्गराज्य उन्हीं का है।" (सन्त मत्ती 5: 10)