वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 11 दिसम्बर 2014 (वीआर अंग्रेजी)꞉ ″परिवार वैचारिक सिद्धांतों
में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता। हम परिवार को रूढ़ीवादी परिवार तथा स्वतंत्र परिवार
नहीं कह सकते क्योंकि परिवार तो परिवार है।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने 10 दिसम्बर
को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्र विश्वासियों का सम्बोधित करते हुए कही।
बुधवार को साप्ताहिक आमदर्शन समारोह के अवसर पर परिवार की प्रेरिताई पर प्रकाश
डालते हुए संत पापा ने कहा, ″ख्रीस्तीय परिवार की प्रेरिताई आज भी उसी प्रकार है जिस
प्रकार यह कल थी अर्थात् विवाह संस्कार की शक्ति के माध्यम से दुनिया में ईश्वर के प्रेम
की घोषणा करना।″
संत पापा ने अक्टूबर माह में, परिवार की प्रेरिताई विषय पर आधारित
विश्व धर्माध्यक्षीय असाधारण महासभा की याद करते हुए कि सिनॉड में धर्माध्यक्षों ने समकालीन
समाज में परिवार की सबसे बड़ी समस्या की खोज की है और वह है परिवार को वैचारिक सिद्धांतों
में विभक्त किया जाना। उसे रूढ़ीवादी परिवार या आधुनिक परिवार का दर्जा नहीं दिया जाना
चाहिए।
उन्होंने कहा, ″परिवार की महत्वपूर्ण वास्तविकता हैं इसके मूल्य एवं सदगुण
जो इसके कोने का पत्थर, जिसपर परिवार की नींव टिकी रहती है और जिसे बहस का विषय नहीं
बनाया जाना चाहिए।″ संत पापा ने विश्वासियों को सचेत करते हुए अपनी जीवन शैली पर
ग़ौर करने का आग्रह किया, जो व्यक्तिवाद, उपभोक्तावाद तथा अधिक सुख प्राप्ति की चाह जैसी
आधुनिक मानसिकता द्वारा निरंतर दूषित होने की जोखिम में रहते हैं।
उन्होंने कहा
कि ख्रीस्तीय परिवारों का उद्देश्य होना चाहिए कि वे एक रास्ता ढूँढ़ निकालें जहाँ वे
विवाह तथा परिवार के आनन्द को जी सकें तथा अन्यों के लिए उत्तम नमूना प्रस्तुत कर सकें।
संत पापा ने सभी से अपील की कि विवाह के सुसमाचार तथा परिवार के सुसमाचार की घोषणा
हेतु अपने समर्पण को जारी रखें। उन्होंने विवाहित दम्पतियों, पुरोहितों तथा पल्ली संगठनों
एवं संस्थों से आग्रह किया कि वे ईश वचन से संचालित हों जो ख्रीस्तीय जीवन का आधार है।