10 दिसम्बर को काथलिक कलीसिया सन्त ग्रेगोरी
तृतीय का स्मृति दिवस मनाती है। ग्रेगोरी तृतीय सन् 731 ई. से 741 ई. तक विश्वव्यापी
काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष थे। सिरियाई मूल के पुरोहित ग्रेगोरी तृतीय को सन्त पापा
ग्रेगोरी द्वितीय के निधन के तुरन्त बाद, लोगों ने, रोम का धर्माध्यक्ष यानि सन्त पापा
नियुक्त कर दिया गया था।
सन् 731 ई. से लेकर सन् 741 ई. तक सन्त पापा ग्रेगोरी
तृतीय ने बड़ी सूझ-बूझ के साथ काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष रूप में शासन किया तथा विश्व
के काथलिकों में फूट नहीं पड़ने दी। हालांकि उन्हें अपने परमाध्यक्षीय काल में तत्कालीन
सम्राट लियो तृतीय के विरोधों का सामना भी करना पड़ा।
सन्त पापा ग्रेगोरी
तृतीय से सलाह मशवरा किये बिना ही सम्राट लियो तृतीय ने पवित्र प्रतिमाओं पर आक्रमण शुरु
कर दिया था। सम्राट के अनुसार येसु, मरिया, योसफ तथा सन्तों की प्रतिमाओं को रखना मूर्तिपूजा
था। उन्होंने सभी गिरजाघरों से प्रतिमाओं को हटवा दिया तथा प्रतिमाओं रखना वर्जित कर
उनकी भक्ति को दण्डयोग्य बना डाला। लोकभक्ति पर प्रहार को सन्त पापा ग्रेगोरी सहन नहीं
कर पाये उन्होंने इसका डटकर सामना किया तथा सार्वजनिक रूप से सम्राट का खण्डन किया। विरोधों
के बावजूद, सन्त पापा ने एक धर्मसभा बुलाकर प्रतिमाओं का पुनर्प्रतिष्ठापन किया। इसके
बाद सम्राट ने अपने जहाज़ भेजकर सन्त पापा के अपहरण का प्रयास किया तथा उन्हें कॉनस्टेनटीनोपल
लाने का प्रयास किया किन्तु ईश्वर की इच्छा और ही कुछ थी। भीषण तूफान में सम्राट का जहाज़
फँस गया तथा सन्त पापा ग्रेगोरी तृतीय की रक्षा हो सकी। सन्त पापा ग्रेगोरी तृतीय का
स्मृति दिवस 10 दिसम्बर को मनाया जाता है।