वाटिकन सिटी, बुधवार 10 दिसंबर, 2014 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर
पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में विश्व
के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया। उन्होंने इतालवी
भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, आज की धर्मशिक्षामाला में
एक नये विषय पर चिन्तन करेंगे और यह है - परिवार। हम सब जानते हैं कि वाटिकन में हाल
में सम्पन्न सिनॉद परिवार को समर्पित था। इस सिनॉद में परिवार से जुड़े कई मुद्दों और
चुनौतियों पर विचार –विमर्श किये गये। इसमें जिन बातों पर विचार किया गया उन्हें अगली
आम सभा में भी विचार किया जायेगा जो सन् 2015 के अक्तूबर माह में सम्पन्न होगी।
रोम
में जो सभा सम्पन्न हुई उसमें परिवार संबंधी चुनौतियों विशेषकर के विवाह संस्कार, इसकी
अविच्छेदता, एकता, निष्ठा और जीवन के प्रति खुलापन जैसी बातों पर चिन्तन किये गये।
सिनॉद
में हुए विचार-विमर्श से उभरे निष्कर्षों का एक आरंभिक प्रतिवेदन तैयार किया गया और छोटे
समुहों में उस पर चर्चा हुई।
छोटे दलों में हुई चर्चा से जो बातें उभर कर सामने
आयीं उन्हें आरंभिक प्रतिवेदन में जोड़ दिया कर रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया गया। यही अंतिम
रिपोर्ट को सिनॉद के आचार्यों के संदेश का आधार बनाया गया।
इसी अंतिम प्रतिवेदन
को दुनिया के सब धर्माध्यक्षों के लिये भेज दिया गया है और उनकी सलाह से जो परिणाम हमारे
समक्ष आयेगा उसे अगले वर्ष अक्तूबर में होनेवाली सिनॉद में प्रस्तुत किया जायेगा। मैं
आप लोगों से प्रार्थना की याचना करता हूँ ताकि माता मरिया कलीसिया की माता की मध्यस्थता
सिनॉद की जो प्रक्रिया जारी है उसके निर्णय परिवार, समाज और कलीसिया के लिये उचित फल
लाये।
इतना कहकर संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।
उन्होंने भारत,
इंगलैंड, चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया, वेल्स, वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड, जिम्बाब्ने,
दक्षिण कोरिया फिनलैंड, ताइवान, नाइजीरिया, आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड.
फिनलैंड, जापान, उगान्डा, कतार, मॉल्टा, डेनमार्क , कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, हॉंन्गकॉंन्ग,
अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को
विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना
प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।