वियेना, मंगलवार, 09 दिसम्बर सन् 2014 (सेदोक): वियेना में परमाणु हथियारों के मानवतावादी
संघात पर आयोजित राष्ट्रों के सम्मेलन को प्रेषित सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा
है कि परमाणु हथियार एक विश्वव्यापी समस्या है जो सभी राष्ट्रों पर संघात करती तथा भावी
पीढ़ियों एवं धरती पर दुष्प्रभावों को छोड़ती है।
वियेना में 08 एवं 09 दिसम्बर
को जारी सम्मेलन में प्रेषित सन्देश में सन्त पापा ने कहा कि यदि परमाणु हथियारों के
दुष्प्रभावों को कम करना है तथा निरस्त्रीकरण का लक्ष्य प्राप्त करना है तो एक वैश्विक
नैतिकता की नितान्त आवश्यकता है।
सन्त जॉन पौल द्वितीय के विश्व पत्र "सोलीसिटूडो
रेई सोशालिस" को उद्धृत कर सन्त पापा ने कहा, "आज, पहले से अधिक तकनीकी, सामाजिक एवं
राजनैतिक अन्तरनिर्भरता एकात्मता रूपी नैतिकता की मांग करती है जो लोगों को और अधिक सुरक्षित
विश्व, नैतिक मूल्यों पर आधारित भविष्य तथा विश्वव्यापी स्तर पर ज़िम्मेदार होने के लिये
एकजुट होकर कार्यकरने हेतु प्रोत्साहन प्रदान कर सके।"
सन्त पापा ने इस बात की
ओर ध्यान आकर्षित कराया कि हालांकि परमाणु हथियारों के दुष्परिणामों को पहले से जाना
जा सकता है तथापि, नरसंहार में उसकी शक्ति पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है जबकि इन हथियरों
के उपयोग से उत्पन्न अनावश्यक उत्पीड़न पर ध्यान दिया जाना चाहिये।
सदस्य राष्ट्रों
का इस ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए कि परमाणु अस्त्रों के परीक्षणों ने कई जातियों को
तबाह किया है तथा सृष्टि को नष्ट किया है सन्त पापा फ्राँसिस ने सभी से अनुरोध किया कि
वे मानव परिवार को प्रेम, सहयोग एवं भ्रातृत्व के सौन्दर्य को देखने हेतु नबूवती आवाज़
बनें और साथ ही विश्व को परमाणु अस्त्रों के ख़तरों के प्रति सचेत करें।