2014-12-08 14:58:34

धन्य कुँवारी मरियम के निष्कलंक गर्भागमन का महापर्व


वाटिकन सिटी, सोमवार, 8 दिसम्बर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में सोमवार, 8 दिसम्बर को, धन्य कुँवारी मरियम के निष्कलंक गर्भागमन महापर्व पर, संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, ″अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात एवं खुश पर्व।

आज धन्य कुँवारी मरियम के निष्कलंक गर्भागमन के महापर्व के संदेश को संक्षेप में इन शब्दों में व्यक्त किया जा सकता है- ‘सब कुछ कृपा है, सब कुछ ईश्वर की ओर से मुफ्त वरदान है अर्थात् हमारे प्रति उनका प्रेम है।’ गाब्रिएल महादूत ने ″कृपापूर्ण″ कहाकर कुँवारी मरियम का अभिवादन किया था।″(लूक.1꞉28)

संत पापा ने कहा कि धन्य कुँवारी मरियम में पाप के लिए कोई स्थान नहीं था क्योंकि ईश्वर ने उन्हें ईसा की माता होने के लिए चुन लिया था तथा आदिपाप से मुक्त रखा था, अतः महादूत गाब्रिएल का अभिवादन माता मरिया के लिए बिलकुल सटीक था जिसके प्रत्युत्तर में वे कहती हैं ‘देख मैं प्रभु की दासी हूँ उनका कथन मुझ में पूरा हो जाए।’ (पद.38) उन्होंने यह नहीं कहा हाँ मैं आपके अनुसार करूँगी किन्तु उन्होंने कहा, ″यह मुझ में पूरा हो″ और शब्द ने उनके गर्भ में शरीर धारण किया।

संत पापा ने कहा, ″हमें भी उसी प्रकार ईश्वर को सुनना है जो हमसे बातें करते तथा अपनी इच्छा पर चलने हेतु निमंत्रण देते हैं। सुसमाचार के अनुसार जो प्रभु का वचन सुनता, उससे अधिक सक्रिय एवं फलप्रद कोई नहीं हो सकता।

नाज़रेथ की माता मरियम का मनोभाव दर्शाता है कि कर्म से पहले हमारा अस्तित्व आता है अतः अपने आपको ईश्वर के हाथों में छोड़ कर, हमें वही बनना चाहिए जो वास्तव में ईश्वर चाहते हैं। माता मरियम स्वीकार करने के पश्चात् निष्क्रिय नहीं रहीं। पवित्र आत्मा की शक्ति को ग्रहण करने के पश्चात् गर्भ में पल रहे ईश पुत्र को उन्होंने अपना शरीर और रक्त अर्पित किया, इस प्रकार, आध्यात्मिक रूप से उन्होंने कृपा का स्वागत किया तथा विश्वास के साथ उसका प्रत्युत्तर दिया। संत अगुस्टिन कहते हैं- कुँवारी ने गर्भधारण के पूर्व हृदय से स्वीकार किया। इस रहस्यात्मक कृपा को प्राप्त करने की हकदार के लिए, पाप का कोई अड़चन नहीं होना चाहिए था। संत पौलुस एफेसियों के नाम लिखे पत्र की शुरूआत प्रशंसा के शब्दों द्वारा करते हैं- ″धन्य है हमारे प्रभु ईसा मसीह का ईश्वर और पिता! उसने मसीह द्वारा हम लोगों को स्वर्ग के हर प्रकार के आध्यात्मिक वरदान प्रदान किये हैं। (एफे.1꞉3) एलिज़ाबेथ भी मरियम का अभिवादन करते हुए कहती है- ″आप नारियों में धन्य हैं।″ (लूक.42)

संत पापा ने कहा कि हमें भी निरंतर कृपा प्राप्त होती है अर्थात् उनका प्रेम प्राप्त होता है। ″उसने संसार की सृष्टि से पहले मसीह में हम को चुना, जिससे हम मसीह से संयुक्त हो कर उसकी दृष्टि में पवित्र तथा निष्कलंक बनें।″ (एफे.1꞉4)

माता मरिया पहले से सुरक्षित थी जबकि हम बपतिस्मा एवं विश्वास द्वारा बचा लिए गये हैं। ईश्वर ने अपने अनुग्रह की महिमा प्रकट की है। वह अनुग्रह हमें उसके प्रिय पुत्र द्वारा मिला है। (एफे.1꞉6) निष्कलंक रहने की कृपा उनके जीवन को पूर्ण कर देती है।
प्रेम, दया तथा दिव्य कृपा हमारे हृदयों में भी उंडेला गया है। संत पापा ने कहा कि जिस प्रकार हमने कृपा को मुफ्त में पाया है उसी प्रकार माता-मरिया के समान, हम भी मुफ्त में देने के लिए आमंत्रित किये जाते हैं। (मती.10꞉8) जिन्होंने संदेश पाने के तुरन्त बाद प्राप्त कृपा को बांटने शीघ्रता से अपनी चचेरी बहन एलिजाबेथ के पास चली गयी क्योंकि जो कुछ हमें प्रदान किया गया है उसे हमें वापस भी करना है।

संत पापा ने कहा किस प्रकार हम ईश्वर की कृपा को वापस कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि उस कृपा को हम पवित्र आत्मा द्वारा संचालित होकर या पवित्र आत्मा के प्रति उदार होकर, जो हमें दूसरों के लिए उपहार बनाता है वापस करते हैं। वह हमें स्वीकृति, मेल-मिलाप तथा क्षमा का माध्यम बनाता है यदि हमारा जीवन प्रभु की कृपा से बदल जाता है तो हम उनके प्रकाश को अपने आप में बन्द कर नहीं रख सकते बल्कि हम जाकर उसे दूसरों को भी प्रकाशित करेंगे।

इतना कहने क बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।
देवदूत प्रार्थना के पश्चात् उन्होंने देश-विदेश से एकत्र सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्टकों का अभिवादन किया।

उन्होंने कहा, ″मैं आप सभी का सहृदय अभिवादन करता हूँ विशेषकर, परिवारों तथा पल्लियों के सदस्यों का। मैं सभी धर्मप्रांतीय एवं पल्लीय स्तर के संगठनों की याद करता हूँ निष्कलंक कुँवारी मरिया उनकी मध्यस्थता करें तथा इसे कलीसिया एवं विश्व में अधिक पवित्र बनने और उदार सेवा करने हेतु प्रेरित करे।

संत पापा ने अपने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि आज दोपहर को परम्परा के अनुसार वे स्पेनिश प्राँगण जाकर निष्कलंक माता मरिया के स्मारक पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे तथा उनसे प्रार्थना करेंगे।

स्वर्ग की माता के प्रति पुत्र और पुत्री तुल्य स्नेह प्रदर्शित करने हेतु संत पापा ने इस श्रद्धांजलि समारोह में भाग लेने हेतु सभी को निमंत्रण दिया।

अंत में, संत पापा ने धन्य कुँवारी मरियम की अगुवाई में शुभआगमन काल की यात्रा हेतु मंगलकामनाएँ अर्पित की तथा अपने लिए प्रार्थना करने का आग्रह किया।









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