वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2014 (वीआर अंग्रेजी)꞉ वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास
संत मार्था के प्रार्थनालय में बृहस्पतिवार 4 दिसम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने पावन ख्रीस्तयाग
अर्पित करते हुए प्रवचन में सच्चे ख्रीस्तीयों पर प्रकाश डाला तथा कहा कि हमारे आस-पास
पुरूष, स्त्री, माता, पिता, रोगग्रस्त, पुरोहित आदि के रूप में कई संत विद्यामान हैं
जो येसु के प्रेम को दैनिक जीवन में जीते हैं, यह हमारे लिए आशा प्रदान करता है।
उन्होंने
प्रवचन में कहा, ″सच्चा ख्रीस्तीय ईश वचन का पालन करता है क्योंकि विश्वास का मौखिक प्रकटीकरण
पर्याप्त नहीं है।″ संत पापा ने सुसमाचार पाठ के उस दृष्टांत पर चिंतन किया जहाँ
येसु बालू पर बने घर और चट्टान पर बने घर की विशेषताओं को बतलाते हुए सच्चे ख्रीस्तीय
के विश्वास की तुलना चट्टान पर बने मकान से करते हैं।
संत पापा ने कहा, ″हमें
‘दिखावे के ख्रीस्तीय’ या बनावटी ख्रीस्तीय नहीं बनना चाहिए क्योंकि जब चुनौती रूपी वर्षा
होती है तब विश्वास बह जाती है।″ उन्होंने कहा कि यह काफी नहीं है यदि हम काथलिक
परिवारों से आते हैं या संगठनों के सदस्य हैं या ग़रीबों की मदद करते हैं किन्तु ईश्वर
की इच्छा का पालन नहीं करते हैं। ऐसे ख्रीस्तीय पहली बार की चुनौती में ही धराशायी हो
जाते हैं।
दूसरी ओर, विश्वासियों के बीच कई संत विद्यमान हैं वे येसु के प्यार
को जीते हैं और उन्हें संत घोषित किये जाने की आवश्यकता नहीं है। वे चट्टान पर निर्मित
मकान के सदृश्य हैं। संत पापा ने कहा कि यद्यपि हम सभी पापी हैं किन्तु पाप करने
के बावज़ूद यदि हम विनम्र होकर क्षमा याचना करते हैं तो यह हमारी महानता है। चट्टान अर्थात्
ख्रीस्त पर भरोसा रखने के कारण हम अपने विश्वास में दृढ़ रहेंगे।
अहंकारियों
को संत पापा ने ‘दिखावटी ख्रीस्तीय’ कहा, जो विनम्रता की कमी के कारण ईश्वर की इच्छा
के बदले अपनी मर्जी पर अड़े रहते तथा अंत में बालू के मकान की तरह ढहकर नष्ट हो जाते
हैं क्योंकि ख्रीस्त रूपी चट्टान के बिना कोई टिक नहीं सकता।
संत पापा ने सभी
विश्वासियों के लिए प्रार्थना की कि इस आगमन काल में हमारा विश्वास प्रभु पर दृढ़ हो
और हम आशा के साथ आगे बढ़ सकें।