वाटिकन सिटीः केवल मन के दीन ईश प्रकाशना को समझ सकेंगे, सन्त पापा फ्राँसिस
वाटिकन सिटी, बुधवार, 03 दिसम्बर सन् 2014 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि
केवल मन के दीन एवं विनम्र लोग ही ईश प्रकाशना को समझ सकेंगे।
वाटिकन में, मंगलवार
को, सन्त मर्था प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पण के अवसर पर प्रवचन
करते हुए सन्त पापा ने कहा कि कई लोग विज्ञान एवं ईश शास्त्र के ज्ञाता हैं किन्तु यदि
उनमें विनम्रता नहीं हैं तो वे ईश्वर के रहस्य को कभी नहीं समझ पायेंगे।
सन्त
पापा का प्रवचन सन्त लूकस रचित सुसमाचार के पाठ पर केन्द्रित था जिसमें प्रभु येसु मसीह
ईश्वर की प्रशंसा कर उन्हें धन्यवाद देते हैं जिन्होंने समाज के उन लोगों को प्रतिष्ठापूर्ण
जगह देने का निर्णय लिया जिनकी समाज में कोई गिनती नहीं हैं किन्तु जो हृदय से विनम्र
हैं तथा आत्मा की विनम्रता का अर्थ समझते हैं।
सन्त पापा ने कहा, "केवल वे लोग
ईश प्रकाशना को आत्मसात कर सकेंगे जिनके हृदय बच्चों के सदृश हैं, जो दीन मना हैं।"
सन्त पापा ने कहा कि "हमें पिता का ज्ञान कराइये" सुसमाचार के शब्द आन्तरिक जीवन
के प्रति अभिमुख करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रभु येसु ख्रीस्त पिता ईश्वर की प्रशंसा
करते क्योंकि उन्होंने अपने गूढ़ रहस्य को ज्ञानियों औक पण्डितों पर प्रकट नहीं किया
बल्कि सीधे-सरल और मन से दीन लोगों पर प्रकट किया। सन्त पापा ने कहा, "इसीलिये वे लोग
जो मन से दीन हैं, विनम्र हैं, बच्चों के सदृश हैं वे ही ईश प्रकाशना का अर्थ समझ सकते
हैं, वे लोग जो प्रार्थना की आवश्यकता महसूस करते हैं, वे लोग जो स्वतः को ईश्वर के समक्ष
रखते तथा उदार दिल से अपनी बात कहते हैं ऐसे ही मन के दीन लोग ईश्वर का रहस्य समझ सकते
तथा उनके दर्शन पाते हैं।"
सन्त पापा ने कहा, "इसीलिये निर्धनता, अकिंचनता
और विनम्रता वे वरदान है जो ईश रहस्य के प्रति दरवाज़ा खोलते हैं।" उन्होंने कहा, "कभी-कभी
इन वरदानों की उन लोगों में कमी होती है जो गूढ़ अध्ययन में जुटे रहते हैं किन्तु विनम्रता
के अभाव में ईश रहस्य को आत्मसात नहीं कर पाते।"