2014-12-03 11:50:34

तुर्की की प्रेरितिक यात्रा


वाटिकन सिटी, बुधवार 3 दिसंबर, 2014 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में विश्व के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।

उन्होंने इतालवी भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, तुर्की की प्रेरितिक तीर्थयात्रा के द्वारा प्राप्त सब वरदानों के लिये आज मैं ईश्वर को धन्यवाद देना चाहता हूँ। मैं प्रार्थना करता हूँ कि मेरी यात्रा से ऑर्थोडॉक्स कलीसिया और मुसलमान भाई-बहनों के साथ हमारा संबंध मजबूत हो और आपसी वार्ता की प्रक्रिया को बल प्राप्त हो।

तुर्की हमारे लिये एक ऐसा प्रिय राष्ट्र रहा है क्योंकि यह समृद्ध ख्रीस्तीय इतिहास से जुड़ा हुआ है। ख्रीस्तीय धार्मिक विश्वास की दृष्टि से मुस्लिम बहुल तुर्की का एक विशेष संबंध रहा है।

मैंने अंकारा का दौरा किया और इस बात पर बल देना चाहा कि आज इस बात की ज़रूरत है कि ईसाई और मुसलमान शांति न्याय और प्रगति के लिये एक साथ मिलकर कार्य करें।

इस्ताम्बुल में मैंने काथलिक विश्वासियों तथा तुर्की के विभिन्न ख्रीस्तीय कलीसियाओं के साथ यूखरिस्तीय बलिदान चढ़ाया और पवित्र आत्मा से कृपा माँगी ताकि उसके वरदानों को पाकर लोगों एकता और वफ़ादारी के साथ अपना जीवन यापन करें।

रविवार 30 नवम्बर को मैंने संत अंद्रेयस के साथ समारोही पूजन विधि में हिस्सा लिया। मैंने कोन्सतनतिलोपल के पैट्रियार्क बार्थोलोमी प्रथम के साथ संयुक्त रूप से एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किये ताकि एक दोनों कलीसियाओं के बीच पूर्ण एकता कायम हो सके।
मैं आप लोगों से आग्रह करता हूँ कि आप मेरे साथ प्रार्थना करें ताकि ईश्वर हमें कृपाओं से भर दे और हम पूरे उत्साह से सम्मान एवं भ्रातृत्वपूर्ण भाव से येस के प्रेम, शांति और सत्य के सुसमाचार को पूरी दुनिया को सुना सकें।

इतना कहकर संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।

उन्होंने भारत, इंगलैंड, चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया, वेल्स, वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड, जिम्बाब्ने, दक्षिण कोरिया फिनलैंड, ताइवान, नाइजीरिया, आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड. फिनलैंड, जापान, उगान्डा, कतार, मॉल्टा, डेनमार्क , कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, हॉंन्गकॉंन्ग, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।











All the contents on this site are copyrighted ©.