श्रोताओं के पत्र पत्र- 7.11.14 महाशय, नमस्कार! खुशी के साथ सूचित करना है कि
मैँ 'वाटिकन रेडियो' का नियमित तथा पुराना श्रोता हूं। आपके द्वारा प्रसारित सभी कार्यक्रम
ज्ञानवर्धक, शिक्षाप्रद, प्रेरणादायक और सारगर्भित होते हैँ। कार्यक्रम प्रस्तुतिकरण
शैली तथा प्रसारण गुणवत्ता उच्च स्तर के हैँ इसलिए कार्यक्रम सुनकर नियमित पत्र लिखने
तथा प्रचार-प्रसार करने का प्रयास करता हूं। आपके फेसबुक और वेबसाइट भी बहुत अच्छे लगते
है। 30 अक्टूबर को सुबह की सभा मेँ 'मासिक प्रार्थना मनोरथ' मेँ हिंसा तथा युद्ध से पीड़ित
क्षेत्रों में शांति के लिए किया गया प्रार्थना प्रशंसा करने योग्य था तथा 'धर्म शिक्षा
माला' मेँ यीशु के रहस्यमय शरीर, कलीसिया के दृश्य रुप तथा सत्यता के बारे मेँ दी गई
संक्षिप्त जानकारी रोचक तथा सारगर्भित लगी। बेहतर प्रस्तुति के लिए वाटिकन रेडियो परिवार
को हार्दिक धन्यवाद! डॉ. हेमान्त कुमार, प्रियदर्शनी रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष,
गोराडीह भागलपुर, बिहार।
पत्र- 23.11.14 मैं आप के रेडियो का एक पुराना तथा
नियमित श्रोता हूँ। मैं आपके वेबसाइट का दौरा भी करता हूँ. आपके साथ यह एक पुराना रिश्ता
है। मैं बीते 15 से 17 वर्षों को याद कर गर्व महसूस करता हूँ। लगभग प्रतिदिन मैं आपके
वेब पेज का दौरा करता हूँ तथा दुनिया के बारे अपने ज्ञान को विकसित करता हूँ। आपकी ताजा
खबर तथा कार्यक्रम मुझे आकर्षित करते हैं। इस ई मेल द्वारा मैं आप से आग्रह करता
हूँ कि आपके द्वारा नवीनतम प्रकाशित सामग्रियों को हमारे पते पर भेजने की कृपा करें मैंने
उन्हें लम्बे समय से प्राप्त नहीं किया है। आशा है इस रिश्ते को बनाये रखने के लिए आप
मेरे आग्रह को अस्वीकार नहीं करेंगे। आइये, हम एक साथ पर्यावरण की रक्षा करें। राम
कुमार नीरज, गोधाना रोड के आरा, बिहार।
पत्र- 22.9.14 आदरणीय पिताजी, आप सभी
को प्रभु येसु के नाम में नमस्कार। आपके समाचारों और आपके फेसबुक द्वारा मुझे यह जानकर
ख़ुशी हुई कि हमारे संत पापा फ्रांसिस का हार्दिक स्वागत मदर तेरेज़ा की जन्म भूमि अल्बानिया
में किया गया हैं पापा की यात्रा सफल हो यही कामना हैं। विद्यानन्द राम दयाल, पियर्स
मोरिसस।
25.11.14 प्रिय रेडियो मित्रो, आशा करता हूँ कि आप सभी सकुशल होंगे।
मैं कुशल मंगल हूँ। कृपया 2015 का कैलेंडर भेजने की कृपा करें। आपके बहुत उपयोगी और ज्ञानवर्धक
कार्यक्रमों एवं वेबपेज के लिए धन्यवाद देता हूँ। दीवान रफिकुल इस्लाम (राना) साहब,
साराक, नाउगाँव, बंगलादेश।