रोम, सोमवार 1 दिसंबर, 2014 (बीबीसी) पोप फ्रांसिस ने दुनिया भर के मुस्लिम नेताओं से
अपील की है कि वो इस्लाम के नाम पर फ़ैलाए जा रहे आतंकवाद की स्पष्ट शब्दों में कड़ी
निंदा करें। तुर्की के दौरे से लौटते हुए उन्होंने ये बात कही। पोप ने कहा कि वो
इस बात को समझते हैं कि जब दकियानूसी तरीक़े से आंतकवाद को इस्लाम से जोड़ा जाता है तो
मुसलमानों को कितनी तकलीफ़ होती है। उनका मानना है कि आंतकवाद की कड़े शब्दों में
निंदा के ज़रिए इस तरह की दकियानूसी सोच को दूर करने में मदद मिलेगी। पोप ने कहा,
"जहां तक इस्लाम को लेकर डर की बात है तो यह सही है कि जब हम ऐसी आतंकवादी गतिविधियों
को देखते हैं, न सिर्फ इस क्षेत्र में, बल्कि अफ्रीका में भी, तो इस तरह की प्रतिक्रिया
होती है- ‘अगर ये इस्लाम है तो मेरी इससे नाराज़गी है’। .उन्होंने कहा, "बहुत से मुसलमानों
को ये बुरा लगता है, बहुत से लोग कहते हैं कि वो ऐसे नहीं हैं क्योंकि कुरान तो शांति
का ग्रंथ है. ये पैगंबर की शांति की किताब है. ये आंतकवाद इस्लाम नहीं है।" पोप ने
इस्तांबुल में कहा कि मध्यपूर्व में ईसाइयों के ख़िलाफ़ हिंसा बंद होनी चाहिए।