इस्ताम्बुल, रविवार, 30 नवम्बर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ शनिवार 29 नवम्बर को संत पापा ने इस्ताम्बुल
के संत जोर्ज महागिरजाघर में ख्रीस्तीय एकता वर्धक प्रार्थना के समय ऑथोडोक्स कलीसिया
के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।
उन्होंने कहा, ″प्रत्येक संध्या हमारे लिए कृतज्ञता
मिश्रित भावना लेकर आता है तथा उसके पश्चात् आशा से भरी रात्रि का आगमन होता है। आज की
संध्या बेला में हमारा हृदय ईश्वर के प्रति कृतज्ञता से पूर्ण है जिन्होंने मुझे अपनी
प्रेरितिक यात्रा में इस संध्या प्रार्थना में भाग लेने का अवसर प्रदान किया है। मैं
कलीसिया के संरक्षक प्रेरित संत अंद्रेयस का महापर्व मनाने का इंतजार कर रहा हूँ।
नबी
जाकारिया के शब्दों में, प्रभु ने हमें इस संध्या प्रार्थना में नवीनता प्रदान की है
एक नींव जो एक दिन को दूसरे नये दिन से जोड़ती है। वे एक मजबूत चट्टान हैं जिस पर आगे
बढ़ते हुए हम आनन्द और आशा के साथ आगे बढ़ सकते हैं। नींव की चट्टान है, ''विश्वमण्डल
का प्रभु यह कहता हैः देखो! मैं पूर्व के देशों से और सूर्यास्त के देशों से अपनी प्रजा
का उद्धार करूँगा। मैं उन्हें वापस ले आऊँगा और वे येरुसालेम में निवास करेंगे। वे निष्ठा
और न्याय से मेरी प्रजा होंगे और मैं उनका ईश्वर होऊँगा।'' (जकारि. 8꞉7-8)
संत
पापा ने प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोमियो प्रथम को धन्यवाद दी तथा कहा कि हमारा आनन्द बढ़
गया है क्योंकि इसका स्रोत उपर है। यह हमारे समर्पण तथा प्रयास का फल नहीं है किन्तु
ईश्वर की विश्वसनीयता पर भरोसा से आता है। जिसकी नींव कलीसिया के आरम्भ में ही डाली थी।
(जकारि.8꞉9) मैं सर्वत्र शान्ति स्थापित करना चाहता हूँ। (जकारि.8꞉12) आनन्द की स्थापना।
वह आनन्द और शांति जिसे संसार दे नहीं सकती किन्तु पुनर्जीवित ख्रीस्त की प्रतिज्ञा के
अनुसार पवित्र आत्मा प्रदान करता है।
संत आंद्रेयस एवं संत पेत्रुस ने इस प्रतिज्ञा
को सुना तथा पवित्र आत्मा की शक्ति को ग्रहण किया। वे सगे भाई थे किन्तु ख्रीस्त के साथ
मुलाकात ने उन्हें विश्वास एवं उदारता में एक भाई बना दिया। संत पापा ने कहा कि इस
आनन्दपूर्ण संध्या प्रार्थना द्वारा हम आशा में एक भाई बन गये हैं। हम पुनर्जीवित ख्रीस्त
की आशा के भाई हैं। संत पापा ने संरक्षक संत अंद्रेयस के महापर्व की शुभकामनाएँ उन्हें
अर्पित की।