प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्क सम्मेलन में मुंबई हमले का जिक्र करते हुए कहा कि
'आतंकवाद की समस्या' से एक साथ मुक़ाबला करने की ज़रूरत है। प्रधानमंत्री मोदी ने
कहा कि हमें एक दूसरे की सुरक्षा और लोगों के जीवन के प्रति संवेदनशील होना होगा और इस
इलाक़े को प्रगति और समृद्धि की एक नई ऊँचाई तक ले जाना होगा. वह बुधवार को नेपाल
की राजधानी काठमांडू में शुरू हुए 18वें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क)
के दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग
संघ यानी सार्क देशों में व्यापार और कनेक्टिविटी की समस्या के बारे में कहा, ''एक पंजाब
से दूसरे पंजाब में सामान पहुंचने में कराची और दुबई से भी कई गुना समय और धन खर्च होता
है। हमें व्यापार के सीधे रास्तों का इस्तेमाल करना चाहिए।" मोदी ने कहा, "भारत में
आधारभूत संरचना पर काम करना मेरी प्राथमिकता है. हमें अपनी सारी प्रक्रियाओं और अड़चनों
और वीजा को आसान बनाना होगा ताकि सार्क देशों के बीच व्यापार बढ़ाना होगा।" प्रधानमंत्री
मोदी ने सार्क देशों के लिए पाँच बिंदुओं का अपना विज़न सामने रखा. उन्होंने कहा कि इस
क्षेत्र में व्यापार, निवेश, सहायता, सहयोग, कनेक्टिविटी के ज़रिए लोगों के बीच बेहतर
संपर्क बढ़ना चाहिए। प्रधानमंत्री ने टीबी और एचआईवी के लिए सार्क रीज़नल सुप्रा रेफरेंस
लेबोरेटरी की स्थापना में फंड की कमी को पूरा करने का आश्वासन दिया और कहा, "हम सार्क
देशों में पोलियो की निगरानी में मदद करेंगे और जहां फिर से यह बीमारी लौटती है वहां
टीका उपलब्ध कराएंगे।" उन्होंने दक्षिण एशियाई बच्चों के लिए पाँच में से एक वैक्सीन
उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही उन्होंने भारत में इलाज कराने आने वाले
मरीजों और उनकी देखरेख करने वाले एक व्यक्ति के लिए तत्काल मेडिकल वीज़ा देने की घोषणा
की। उन्होंने कहा, "नेशनल नॉलेज नेटवर्क को भविष्य में सार्क देशों को शामिल करने
में हमें खुशी होगी. दिल्ली में एक दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय का सपना अब वास्तविकता
बन चुका है। सही मायने में यह तभी दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय होगा जब सार्क देशों के
कम से कम एक-एक विश्वविद्यालय से इसकी साझेदारी होगी।" उन्होंने दक्षिण एशियाई देशों
के लिए भारत की ओर से दी जाने वाली सेटेलाइट से आपसी संचार, आपदा प्रबंधन, संसाधन प्रबंधन,
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में इसके होने वाले असर का भी ज़िक्र किया। मोदी ने अगले
साल आर्थिक विकास में स्पेस टेक्नोलाजी के उपयोग पर अगले साल सभी सार्क देशों का भारत
में एक सम्मेलन करने का भी प्रस्ताव दिया। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़
शरीफ़ ने कहा कि वह विवाद मुक्त दक्षिण एशिया देखना चाहते हैं। शरीफ़ ने कहा, "हमें
एक दूसरे से लड़ाई करने के बजाए बेरोजगारी, महामारी और गरीबी से मिलकर लड़ना चाहिए।" उन्होंने
कहा, "पाकिस्तान इस क्षेत्र में शांति, प्रगति और समृद्धि चाहता है. इस इलाके में पूरी
मानव सभ्यता का एक चौथाई हिस्सा रहता है लेकिन गरीबी, बीमारी और निरक्षरता से यह इलाका
त्रस्त है. यहां सामाजिक और मानवीय सूचकांक सबसे कम है." उन्होंने दक्षिण एशियाई देशों
में आई बाढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि देशों को आपस में बाढ़ चेतावनी प्रणाली और सूचनाओं
को साझा करना चाहिए। इसी सम्मेलन में अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ़ गनी
ने कहा कि उनका देश किसी को भी अपनी जमीन से छद्म युद्ध चलाने की इजाज़त नहीं देगा।