वाटिकन सिटी, सोमवार 24 नवम्बर, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 24 नवम्बर
को वाटिकन सिटी के सान्ता मार्था अतिथि निवास के प्रार्थनालय में यूखरिस्तीय बलिदान अर्पित
करते हुए कहा जब कलीसिया नम्र और विनीत है तब वह येसु के प्रति वफ़ादार है नहीं तो उसे
इस बात का प्रलोभन मिलता है कि वह ईश्वर की चमक को बाँटने के बदले सिर्फ़ अपनी चमक पर
नाज़ करे ।
संत पापा ने कहा कि जब हम बहुत देते हैं तो उसका बख़ान करते हैं यह
डींग मारते हैं और सांसारिकता का आनन्द उठाते हैं। जब हम कम देते हैं तब हम किसी का ध्यान
नहीं खींचते हैं ईश्वर का भी नहीं, क्योंकि जो हम देते हैं उसी में ईश्वर निवास करते
हैं।
उन्होंने कहा कि आज के सुसमाचार में जिस घटना का वर्णन किया गया है उसमें
येसु उस विधवा को देखते हैं जो खज़ाने में मात्र दो पैसे डालती है जबकि धनी उसमें बहुत
पैसे डालते हैं उसे वे ध्यान नहीं देते ।
संत पापा ने कहा कि कलीसिया में दोनों
प्रकार की झुकाव के लोग शामिल हैं। कलीसिया को चाहिये कि वह उस विधवा के समान बनी रहे
जिसने दो पैसे दिये और अपने दुल्हे के लिये इन्तज़ार करती रहे। यह विधवा गरीब और नम्र
थी। न उसे कोई जानते थे, न ही उसका कोई बड़ा नाम था और न ही उसके पास धन-दौलत था।
उन्होंने
कहा हमारे जीवन में ज्योति ईश्वर से आती है और यही सत्य है। यही प्रगति है। बिना सेवा
के ज्योति का कोई अर्थ नहीं है।
संत पापा ने आशा व्यक्त की कलीसिया उसी विधवा
के समान नम्रतापूर्वक दान करते हुए इंतजार करेगी ताकि वह अपने दूल्हे से मुलाक़ात कर
सके।