2014-11-22 16:28:38

भारत के चार हज़ार लोग वाटिकन में


कोची, शनिवार, 22 नवम्बर 2014 (ऊकान)꞉ केरल के समाज सुधारक धन्य फादर चावरा एलियस कुरियाकोस तथा सेक्रेट हार्ट ऑफ जिसेस धर्मसमाज की धर्मी महिला धन्य यूफ्रासिया की, वाटिकन में, संत पापा फ्राँसिस द्वारा संत घोषणा के प्रत्यक्षदर्शी बनने हेतु भारत से, करीब चार हज़ार लोगों के वाटिकन आने का अनुमान किया जा रहा है।

सिरो मलाबार कलीसिया के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल जोर्ज अलेनचेरी ने कहा, ″भारत की प्रथम महिला संत सिस्टर अल्फोंसा की संत घोषणा के छः वर्षों बाद दो महात्माओं को संत घोषित किया जा रहा है।″ ये दोनों ही संत सिरो मलाबार कलीसिया के सदस्य हैं।

कार्मेलाइटर्स ऑफ मेरी इमाकुलेट धर्म समाज के जनसंपर्क अधिकारी फादर रोबिन कन्नानचिरा ने ऊका समाचार से कहा, ″हमारा अनुमान हैं कि भारत से करीब चार हज़ार लोग वाटिकन आ रहे हैं तथा यूरोप में कार्यरत सैकड़ों पुरोहित एवं धर्मबहनें भी इस समारोह में भाग लेंगे।″

उन्होंने कहा कि सामाजिक विचारकों एवं इतिहासकारों के अनुसार धन्य चावरा 19 वीं सदी में केरल के एक अग्रणी समाज सुधारक थे जहाँ जाति प्रथा, भेदभाव और व्यापक अंधविश्वास जैसी सामाजिक बुराइयाँ घर कर गयी थीं।

कार्मेलाइटर्स ऑफ मेरी इमाकुलेट धर्म समाज की परमाधिकारिणी सिस्टर कोलाथ ने कहा, ″धन्य सिस्टर यूफ्रासिया धर्मसमाज की उन बहनों में से थीं जिन्होंने धर्ममसाज की शुरूआत कीं तथा वे एक मिस्टिक थी याने रहस्यमय तरीके से दिव्य दर्शन प्राप्त करती थी।
उनके जीवन काल में लोग उनसे सलाह लेने आते थे तथा उनके जीवन से प्रेरणा प्राप्त करते थे।








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