2014-11-18 14:57:26

ख्रीस्तीयों का प्रलोभन


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 18 नवम्बर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मार्था के प्रार्थनालय में, सोमवार 17 नवम्बर को पावन ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए ख्रीस्तीयों के प्रलोभन पर प्रकाश डाला।

संत पापा ने कहा, ″ख्रीस्तीय धर्मानुयायी बहुधा एक प्रलोभन में पड़ जाते हैं और वह है ग़रीबों एवं पीड़ितों में ख्रीस्त को नहीं पहचान पाना।″
संत पापा ने संत लूकस रचित सुसमाचार पाठ पर चिंतन किया जहाँ येसु जेरिखो के एक अंधे को चंगाई प्रदान करते हैं।

संत पापा ने कहा कि दुनिया की दृष्टि में उस अंधे व्यक्ति की कोई गिनती नहीं थी। वह व्यक्ति मात्र मुक्ति की चाह रखता था तथा उसे चंगाई पाने की तीव्र अभिलाषी थी। अपनी व्यथा में उसने तब तक जोर-जोर से चिल्लाया जब तक कि उदासीनता की दीवार न गिर जाए और वह प्रभु के हृदय में दस्तक दे सके। शिष्यों का दल प्रभु को परेशान नहीं करने के विचार से उसे चुप कराना चाहते थे।

उन्होंने कहा, ″भीड़ के कारण वह प्रभु तक पहुँच नहीं सकता था। मन में उत्तम इरादों के रहते हुए भी उसके लिए द्वार बंद था। विश्वासियों के बीच बहुधा ऐसा ही होता है जब हम सहज से प्रभु को प्राप्त कर लेते हैं तब हम दीवार तैयार करते हैं। न केवल पुरोहित किन्तु धर्माध्यक्ष और ख्रीस्त विश्वासी भी। हम सोचते हैं कि हम प्रभु के साथ हैं किन्तु उनकी आवश्यकताओं को देखने में असमर्थ रहते हैं। हम उस प्रभु को देख नहीं पाते जो भूखा है, प्यासा है, जो कैदखाने में है, अस्पताल में पड़ा है तथा हाशिये पर जीवन यापन कर रहा है।

संत पापा ने प्रवचन में एक दूसरे प्रकार के ख्रीस्तीयों को प्रस्तुत किया जिसमें कुछ लोग ऐसे हैं जो ख्रीस्त का अनुसरण करते हैं जो अपने आप में सोचते हैं कि वे विशेष रूप से चुने गये हैं। इस लिए वे मानते हैं कि वे खास तरह के लोग हैं अतः अपनी इस छोटी दुनिया को अलग और अपने लिए बनाये रखना चाहते हैं। जिससे कि वे अन्यों से दूर रह सकें।

संत पापा ने कहा कि कलीसिया में प्रचारकों और विश्वासियों के बीच यदि इस प्रकार के दलों का विभाजित होता है तो यह कलीसिया नहीं है यह मस्ती करने वालों का एक दल है। प्रभु के नजदीक रहकर वे प्रथम प्यार को भूलने के प्रलोभन में जाते हैं। उस प्यार को जिसे उन्होंने प्रभु द्वारा पहली बार बुलाये जाते समय एहसास किया था। संत पापा ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह सभी विश्वासियों का प्रलोभन है।

संत पापा ने एक तीसरे प्रकार के लोगों का चित्रण प्रस्तुत किया, ″एक साधारण दल″ जो चंगा किये जाने पर प्रभु की स्तुति करता है। संत पापा ने कहा कि हम कितनी बार आम लोगों को पाते हैं, कितनी बुजूर्ग महिलाएँ जो चल नहीं सकते किन्तु यात्रा करते हैं ताकि वे मरिया तीर्थस्थल पर प्रार्थना अर्पित कर सकें। वे विशेषाधिकार की मांग नहीं करतीं किन्तु कृपा की याचना करती हैं। संत पापा ने कहा कि याद रखें कि कलीसिया का निर्माण बच्चों, बीमारों तथा कैदियों से हुआ है।

अतः उन्होंने प्रभु से कृपा की याचना की कि हम सभी जिन्हें बुलाहट की कृपा प्राप्त हुई है हम कलीसिया से दूर न रहे तथा अपने लिए विशेष दल का निमार्ण न करें जो हमें ईश प्रजा से दूर कर देती है।









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