वाटिकन सिटी, शुक्रवार 14 नवम्बर, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 14
नवम्बर को वाटिकन सिटी स्थित सान्ता मार्ता अतिथिनिवास के प्रार्थनालय में यूखरिस्तीय
बलिदान अर्पित करते हुए कहा हमारे क्रियाकलाप शब्दों से अधिक शक्तिशाली हैं। उन्होंने
कहा जब हम बच्चों के साथ अपने विश्वास का हस्तान्तरण करते हैं तो यह और ही अधिक लागू
होता है। उन्होंने कहा कि आज के बच्चे ' डिज़ीटल वासी ' है और यदि हम उन्हें मदद करना
चाहते हैं तो हमें चाहिये कह में उन्हें सत्य और प्रेम के पथ में चलने में मदद दें। संत
पापा ने कहा उपस्थित लोगों से प्रश्न किया कि क्या वे उन बातों को करते हैं जिन्हें वे
यूखरिस्तीय बलिदान में सुनते हैं। ज्ञात हो यूखरिस्तीय बलिदान में प्रथम पाठ में सत्य
और प्रेम में चलने की बातें कही गयी थी। संत पापा ने कहा कि एक ख्रीस्तीय का दायित्व
है कि वह अपने बच्चों की देखभाल भली-भाँति करे और विश्वास के बारे में उन्हें बताये तथा
उनके विश्वास को मजबूत करे। संत पापा ने कहा कि छोटे पौधों के विकसित होने के काल
में हम उनका नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते। सबकुछ इस बात पर निर्भर करता है कि बच्चों के प्रति
हमारा मनोभाव कैसा है। हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम उन्हें उत्तम बात को दें विशेषकर विश्वास
संबंधी । उत्तम बातों को हम सिर्फ़ आज्ञा के द्वारा नहीं सिखा सकते हैं इसके लिये हमें
चाहिये कि हम उन्हें उदाहरण दें। पवित्र यूखरिस्तीय बलिदान में उपस्थित बच्चों को
बपतिस्मा संस्कार पवित्र परमप्रसाद और दृढ़ीकरण के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने
कहा कि बपतिस्मा संस्कार ख्रीस्तीय जीवन का द्वार खोलता है ताकि जैसा कि योहन ने कहा,
" वे सत्य और प्रेम के मार्ग पर चल सकें। " संत पापा ने कहा कि यह एक यात्रा है और
यह ज़रूरी है जानना कि हम किस तरह से यात्रा करें जैसे येसु ने कर के दिखाया। संत
पापा ने बच्चों को प्रोत्साहन देते हुए कहा कि वे प्रार्थऩा करना जारी रखें पिता से प्रार्थना
करें, येसु से और माता मरिया से। उन्होंने कहा कि वेदी में येसु उपस्थित हैं और हमें
चाहिये कि हम उन्हें पहचानें ताकि हम उसके सत्य और प्रेम के पथ पर आगे बढ़ सकें।