2014-11-14 13:58:54

आर्थिक और वित्त सेमिनारों के केन्द्र में हो - मानव प्राणी


वाटिकन सिटी, शुक्रवार 14 नवम्बर, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 14 नवम्बर को विश्व के लेखापालों को वाटिकन सिटी में संबोधित करते हुए कहा कि वे सार्वजनिक हित के लिये सकारात्मक तथा सर्जनात्मक भूमिका अदा करें ताकि बेरोजगारों को विशेष करके आप्रवासियों को सम्मानपूर्ण रोजगार मिल सके।
संत पापा ने कहा कि सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियाँ के कारण रोज़गार पर व्यापक असर पड़ा है, कई लोगों ने अपनी नौकरी खो दीं, कई नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं तो कई आप्रवासी अभाव में ऐसे कार्य करने को मजबूर है जहाँ नैतिक और आर्थिक सुरक्षा का अभाव है।
ऐसे समय में एक ख्रीस्तीय रूप में उनका दायित्व है कि व्यावसायिक रूप से जुड़े ख्रीस्तीय अपना योगदान दें विशेष करके अपनी प्रार्थनाओं और प्रज्ञा द्वारा। वे ऐसे लोगों के बीच जायें जो दुःखी हैं तथा मानव मर्यादा के लिये कार्य करें।

आर्थिक और वित्त दोनों मानव के ऐसे क्रियाकलाप हैं जो हमें सभा और सेमिनारों के अवसर प्रदान करते हैं। इसके साथ ही एक – दूसरे के साथ सहयोग करने और श्रम के द्वारा मानव की मर्यादा को उचित सम्मान देने के भी अवसर प्रदान करता है। और ऐसे गोष्ठियों में विचार करते हुए इस बात पर ध्यान देना ज़रूरी है कि मानव प्राणी को सब योजनाओं केन्द्र में रखा जाये।
संत पापा ने कहा कि जो वित्त विभाग या आर्थिक मामलों से जुड़ कर कार्य करते हैं उन्हें चाहिये कि पूरी मानवता के हित के लिये कार्य करें और प्रत्येक व्यक्ति को अवसर प्रदान करें ताकि वह अपन पूर्ण विकास के लिये कार्य कर सके।
संत पापा ने कहा वे चाहते हैं कि वित्त और आर्थिक मामलों से जुड़े लोगों को प्रोत्साहन दें ताकि वे अपने दायित्व को ईमानदारीपूर्वक निभायें और विशेष करके उन लोगों की चिन्ता करें जो कमजोर और ग़रीब हैं।
संत पापा ने आशा व्यक्त की विश्व के लोग मिलकर एक ऐसी दुनिया के निर्माण में अपना योगदान देंगे जहाँ आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक वातावरण ऐसा हो कि लोग भ्रातृभाव के साथ जीवन यापन कर सकें। लोगों में यह भावना बढ़े कि वे एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।








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