साहसपूर्ण, शर्तरहित और शिक्षापूर्ण सुसमाचार प्रचार
वाटिकन सिटी, सोमवार 10 नवम्बर, 2014 (सेदोक,वीर) वाटिकन स्थित क्लेमिन्टीन सभागार में
8 नवम्बर, शनिवार को सलेशियन सिस्टरों ने संत पापा फ्राँसिस से मुलाक़ात की।
सलेशियन
धर्मसमाज की डॉटर्स ऑफ़ मेरी हेल्प ऑफ़ क्रिश्चियनस् की धर्मबहनों को संबोधित करते हुए
संत पापा ने कहा कि वे ख्रीस्तीय विश्वास का साक्ष्य साहसपूर्वक दें तथा बदलते परिवेश
में समाज के ज़रूरतमंदों लोगों की पहचान करें उनकी सेवा करें।
विदित हो कि संत
जोन बोस्कों और संत मरिया दोमेनिक मजारेल्लो द्वारा संस्थापित सलेशियन धर्मसमाज की धर्मबहनों
की रोम में जेनेरल कौंसिल की सभा हो रही है जिसमें उन्हें अपने प्रेरितिक कार्य के लिये
रूपरेखा तैयार करना है।
संत पापा ने सलेशियन धर्मबहनों को प्रोत्साहन देते हुए
कहा कि उन्हें चाहिये कि वे नयी दिशानिर्देश या नीति बनायें ताकि उनकी संस्थाओं में सुसमाचार
प्रचार का वातावरण बन सके तथा परिवर्तन तथा प्रेरितिक मनफिराव के लिये बनायी गयी नीतियों
को लागू कर युवाओं का नवनिर्माण कर सकें।
संत पापा ने प्रार्थनापूर्ण जीवन पर
बल देते हुए कहा उनका जीवन प्रार्थना, आराधना और ईशवचन से संचालित व संपोषित हो।
धर्मसमाज
के युवा के बीच प्रेरितिक कार्यों के बारे में बोलते हुए संत पापा ने कहा कि वे जहाँ
भी जायें साहसपूर्ण, शर्तरहित और शिक्षापूर्ण साक्ष्य द्वारा युवाओं को ईश्वर के करीब
लायें।
संत पापा ने कहा धर्मसमाजियों के जीवन में गपशप या टीका-टिप्पणी करना "
आतंकवादी " क्रियाकलाप है जो धर्मसमाजी जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। उन्होंने
कहा कि धर्मसमाजी जीवन में ईर्ष्या और डाह के लिये कोई स्थान नहीं होना चाहिये और चुगली
करना बम के समान है जो समुदायों का विनाश करता है। संत पापा ने धर्मबहनों को विशेष
रूप से प्रोत्साहन देते हुए कहा कि वे आनन्द के मिशनरी बनें तथा सलेशियन धर्मसमाज की
विशिष्टता विशेष करके युवाओं के साथ कार्य करने की विशेष बुलाहट के द्वारा लोगों को ईश्वर
के निकट लायें।