2014-11-08 19:44:48

काथलिक सीनियर स्काउट मूवमेंट के सदस्यों से संत पापा ने मुलाकात की


वाटिकन सिटी, शनिवार, 8 नवम्बर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ इटली के काथलिक सीनियर स्काउट मूवमेंट की स्थापना की 60 वीं वर्षगाँठ पर वाटिकन स्थित पौल षष्टम सभागार में शनिवार 8 नवम्बर को, संत पापा फ्राँसिस ने मूवमेंट के सदस्यों से मुलाकात की।
उन्हें सम्बोधित करते हुए संत पापा ने कलीसिया एवं समाज में उनकी सेवा तथा सुसमाचार प्रचार के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
उन्होंने संगठन के महत्व और उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा, ″स्काउटिंग का शब्दिक अर्थ है ‘रास्ता’, जो बच्चों, युवाओं तथा प्रौढ़ लोगों के जीवन में एक महत्वपूर्ण मूल्य को प्रकट करता है।
संत पापा ने अपने संदेश में तीन प्रकार स्थानों का जिक्र किया जहाँ हमें रास्ता बनाने की आवश्यकता है꞉ परिवार, प्रकृति तथा शहर।
उन्होंने प्रोत्साहन देते हुए कहा कि परिवार के लिए रास्ता तैयार करें क्योंकि परिवार जो समाज की ईकाई है यह शिक्षा का प्रथम स्थल है। यह प्रेम एवं जीवन प्रदान करने वाला लघु समुदाय है जहाँ प्रत्येक व्यक्ति आपस में तथा दुनिया के साथ मिल जुल कर रहना सीखता है।
संत पापा ने परिवार की विशेषता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हर प्रकार की बुलाहट की नींव परिवार पर पड़ती है तथा बाद में जीवनभर के लिए छाप बन जाती है।
संत पापा ने स्काउट मूवमेंट के सदस्यों से कहा, ″आपका मूवमेंट जो जीवन भर सीखने पर आधारित है, यह स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है कि परिवार में शिक्षा का स्थान पहला है। ख्रीस्तीय माता पिताओं के लिए शिक्षा की प्रेरिताई का स्रोत विवाह संस्कार है।
अतः बच्चों का लालन-पालन कलीसिया का एक खास मिशन है। न केवल माता-पिता की जिम्मेदारी बच्चों पर है किन्तु बच्चों की जिम्मेदारी अपने अन्य भाई-बहनों एवं अपने माता-पिताओं के प्रति है।
उन्हें आपसी विश्वास एवं भलाई की भावना में बढ़ना है। बच्चे अपने स्नेह और आज्ञापालन द्वारा पूरे परिवार में खुशी का वातावरण बना सकते हैं। परिवार के सदस्यों के बीच वार्तालाप परिवार में खुशहाली लाती है तथा इसे अधिक फलप्रद बनाती है।
सृष्टि में रास्ता बनाने का अर्थ है प्रकृति के साथ संबंध स्थापित करना। हम इस समय पारिस्थितिक सवालों को अनदेखा नहीं कर सकते। प्रकृति मानव जीवन के अस्तित्व में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। प्रकृति के साथ गहरा संबंध बनाये रखने का अर्थ, मात्र उसका सम्मान करना पर्याप्त नहीं है किन्तु समाज में नष्ट करने की प्रवृति को समाप्त करने के प्रति सम्पन्न भी है। अथार्त जो चीज प्रयोग में न आये उसे न फेंक कर गरीबों को दान देना।
शहर में रास्ता बनाने का अर्थ है, शहर के अन्य पड़ोसियों के साथ मिल-जुल कर रहना। सार्वजनिक वस्तुओं की रक्षा करना। सामाजिक एवं सांस्कृतिक मुद्दों में अपने सदाचरण तथा वार्ता द्वारा सुसमाचार के आनन्द को दूसरों तक पहुँचाना। अपने विनम्रता एवं सादगी द्वारा येसु के प्रेम को प्रदर्शित करना। शहर में रहते समय उन लोगों को आत्मीयता दिखलाना जिन्हें अकेले होने के कारण खो जाने का भय हो।









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