2014-11-06 15:36:42

एक सच्चा गड़ेरिया


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 6 नवम्बर 2014 (वीआर सेदोद)꞉ वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मार्था के प्रार्थनालय में बृहस्पतिवार 6 नवम्बर को, संत पापा फ्राँसिस के पावन ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में उन ख्रीस्तीयों के प्रति खेद प्रकट किया जो ईश्वर की अच्छाई को प्रकट करने में उदासीनता दिखाते हैं।

उन्होंने कहा, ″यह खेद की बात है कि कलीसिया के धर्मगुरू द्वार खोलकर इंतजार में खड़े रहते हैं और यह भी दुःख की बात है कि ख्रीस्तीय, अन्यों के पास जाकर ईश्वर की अच्छाई प्रकट करने की आवश्यकता अपने अंदर महसूस नहीं कर सकते हैं किन्तु इसके विपरीत अपने को फरीसियों के समान धर्मी समझते हैं।″

संत पापा ने कहा कि वे पापियों के साथ अपना हाथ गंदा करना नहीं चाहते।
उन्होंने कहा किन्तु एक सच्चा गड़ेरिया एवं एक सच्चा ख्रीस्तीय अन्यों के पास जाकर ईश्वर की भलाई प्रकट करने में कभी निरुत्साह नहीं होता। वह अपने जीवन तक को दाँव पर लगा देता है। वह अपने यश तथा आराम की परवाह कभी नहीं करता। उसे देख कर ऐसा लगता है कि उसने कलीसिया के प्रति अपने कर्तव्य को खो दिया है किन्तु वही सच्चा गड़ेरिया है और एक ख्रीस्तीयों को भी यही करना चाहिए।

संत पापा ने कहा, दूसरों की आलोचना करना सहज है जिस प्रकार फरीसी ने नाकेदार के साथ किया किन्तु वे सच्चे ख्रीस्तीय नहीं हैं, वे ईश्वर की संतान नहीं हैं। ईश्वर के पुत्र ने अपना प्राण अर्पित किया। वे आराम, शांति और इज्जत के साथ मौन नहीं रह सकते थे।
संत पापा ने प्रवचन में संत लूकस रचित सुसमाचार पाठ पर चिंतन किया जहाँ येसु खोये हुए भेड़ का दृष्टांत प्रस्तुत करते हैं।

संत पापा ने कहा कि एक पुरोहित और एक ख्रीस्तीय के लिए कोई मध्य मार्ग नहीं है।
मेमने को कोमलता के साथ कंधों पर उठा कर अपने स्थान पर लेना फरीसी एवं शास्त्री नहीं जानते थे। वे आनन्द का मतलब भी नहीं समझते थे। संत पापा ने कहा कि उसी प्रकार कई ख्रीस्तीय एवं धर्मगुरू भी मजाक करना जानते हों और शांति से भी थोड़ी परिचित जरूर हों किन्तु सच्चा आनन्द सिर्फ ईश्वर की ओर से आता है।
संत पापा ने सच्चे आनन्द को प्राप्त करने की कृपा के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।










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