वाटिकन सिटी, सोमवार 3 नवम्बर, 2014 (सीएनए) संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 2 नवम्बर को
सब मृतकों के पर्व दिवस पर अपना संदेश देते हुए कहा कि हम उनके लिये प्रार्थना करें जिन्हें
हमें भूल गये हैं। हम उनके लिये भी प्रार्थना करें जिन्होंने अपने विश्वास के लिये अपने
प्राणों की आहूति दी हैं और परहितमय ख्रीस्तीय जीवन जीया है।
संत पापा ने कहा
कि हम उन भाई-बहनों के लिये प्रार्थना करते हैं जो धर्म के लिये शहीद हो गये हैं या दूसरों
की सेवा में अपना जीवन बिताते हुए स्वर्ग सिधार गये।
हज़ारों की संख्या में संत
पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्रित विश्वासियों को संबोधित करते हुए संत पापा
ने कहा कि मृतकों के लिये प्रार्थना करना कलीसिया की परंपरा रही है विशेष करके यूखरिस्तीय
बलिदान के द्वारा।
यूखरिस्तीय बलिदान चढ़ाना आध्यात्मिक मदद देने का उत्तम तरीका
है विशेष करके ऐसे लोगों को जो परित्यक्त है।
संत पापा ने कहा कि मृत आत्माओं
के लिये प्रार्थना करने की परंपरा की नींव हम कलीसिया के रहस्यमय शरीर में पाते हैं।
संत
पापा ने कलीसियाई दस्तावेज़ से उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि येसु के शरीर के साथ
कलीसिया की पूरी एकता का गहरा अनुभव करते हुए कलीसिया ने आरंभ से इस बात पर विशेष ध्यान
दिया कि मृतकों की याद में प्रार्थना किया जाये।
उन्होंने कहा कि मृतकों की याद
करना, उनकी कब्रों को साफ करना और उनके लिये प्रार्थना चढ़ाना आशा को साक्ष्य देता है।
यह इस बात को बतलाता है कि मृत्यु अंतिम नहीं है। हमारे जीवन में मृत्यु और पाप का आधिपत्य
नहीं है।
सब मृत विश्वासियों और संतों की याद करते हुए संत पापा ने कहा दोनों
त्योहार एक –दूसरे से घनिष्ठता से ठीक उसी तरह से जुड़े हुए हैं जैसे कि आनन्द और विषाद
येसु से जुड़े हुए हैं और वही हमारे विश्वास महत्वपूर्ण हैं।
संत पापा ने इस
अवसर पर उन लोगों को ईश्वर के हाथों सौंप दिया जिन्हें मृत्यु के पूर्व पश्चात्ताप करने
का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ।