2014-11-03 15:04:24

प्रियजनों के कब्रस्थान पर...


वाटिकन सिटी, सोमवार, 3 नवम्बर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 2 नवम्बर को, संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा,
अति प्रिये भाइयो एवं बहनो,
सुप्रभात,
कल हमने सब संतों का महापर्व मनाया तथा आज की धर्मविधि हमें मृत विश्वासियों की याद करने का निमंत्रण देती है। ये दोनों घटनाएँ आपस में गहरा संबंध रखते हैं तथा ये हमारे विश्वास और हमारी आशा के आधार येसु ख्रीस्त में हमारे आनन्द एवं विषाद केंद्रित करते हैं। वास्तव में, कलीसिया का इतिहास, एक ओर, तीर्थयात्रा का है जिसमें संतों की मध्यस्थता और सुसमाचार की घोषणा में सहायता मिलती है। वहीं दूसरी ओर, कलीसिया येसु के समान उन लोगों के आँसू पूछती है जो अपने प्रियजनों से बिछुड़ गये हैं। इस प्रकार ख्रीस्त में और ख्रीस्त के साथ पिता ईश्वर के प्रति धन्यवाद का स्वर गूँजता है जिन्होंने पाप एवं मृत्यु के बंधन को तोड़ दिया है।″

संत पापा ने कहा कि इन दिनों लोग कब्रस्थान का दर्शन करते है जो एक ‘विश्राम स्थल’ है और जहाँ वे अंतिम दिन पुनः जी उठने का इंतजार करते हैं। यह कल्पना अत्यन्त सुखद है कि येसु स्वयं हमें अंतिम दिन पुनर्जीवित करेंगे। उन्होंने ने ही यह प्रकट किया है कि शारीरिक मृत्यु एक निंद्रा के समान है जिससे वे हमें जगायेंगे। यही भावना लिये हम अपने प्रियजनों के कब्रस्थान पर रुक जाते हैं जिन्होंने हमें प्यार किया तथा हमारी भलाई की है।
संत पापा ने कहा किन्तु आज हम न केवल अपने प्रियजनों की याद करते किन्तु उनकी भी जिन्हें याद करनेवाला कोई नहीं है। युद्ध और हिंसा के शिकार लोगों की हम याद करते हैं। दुनिया में कई लोग भूख तथा विपत्ति से रौंदे जाते हैं, कई लोग शहीद हो जाते हैं क्योंकि वे ख्रीस्तीय हैं अथवा दूसरों की सेवा के खातिर उन्हें जान देना पड़ता है। हम उन सभी लोगों को प्रभु को अर्पित करें विशेषकर, जिनकी मृत्यु गत साल हुई है।

परम्परा के अनुसार कलीसिया निमंत्रण देती है कि हम मृत विश्वासियों के लिए प्रार्थना करें, विशेषकर, पावन ख्रीस्तयाग द्वारा हम उनकी आत्मा को सर्वोत्तम आध्यात्मिक सहायता पहुँचायें, खासकर, जिन्हें याद करने वाला कोई नहीं है। प्रार्थना का आधार है रहस्यात्मक शरीर की एकता। वाटिकन द्वितीय महासभा बारम्बार दुहराती है कि ″पृथ्वी पर यात्री कलीसिया ख्रीस्त के समस्त रहस्यात्मक शरीर के प्रति पूरी तरह सचेत है और ख्रीस्तीय धर्म के आरम्भ से ही उसने मृत विश्वासियों को सम्मान प्रदान किया है।″ (लुमेन जेंसियुम. 50)

संत पापा ने कहा, ″मृत विश्वासियों की याद तथा कब्रस्थान की देखभाल हमारी आशा का प्रत्यक्ष प्रमाण है और यह निश्चित कर देता है कि मानव के भाग्य के अनुसार मृत्यु सब कुछ का अंत नहीं है किन्तु उसका अंतिम लक्ष्य है अनन्त जीवन जिसका मूल एवं पूर्ण प्राप्ति ईश्वर हैं।

संत पापा ने मृत विश्वासियों के लिए प्रार्थना अर्पित की उन्होंने कहा, ″ईश्वर हमारी इस प्रार्थना पर ध्यान दे, ‘हे दया सागर प्रभु, अपनी असीम दया को उन लोगों पर प्रकट कर जो अनन्त जीवन प्राप्त करने हेतु संसार से चले गये हैं जहाँ आप समस्त मानव जाति का इंतजार करते हैं तथा जिसका उद्धार तूने अपने एकलौते पुत्र येसु ख्रीस्त के बहुमूल्य रक्त द्वारा किया है। उन्होंने हमारे पापों की कीमत मृत्यु द्वारा चुकायी है। जब हम न्याय के दिन आपके सिंहासन के पास खड़े हों तो हमारी अयोग्यता, दयनीय स्थिति एवं मानवीय कमजोरी पर ध्यान न दे, पर अपनी दया दृष्टि हम पर फेर दे जो आपके कोमल हृदय से उठती तथा हमें पवित्रता के रास्ते पर चलने में मदद करती है। आपकी कोई भी संतान अनन्त आग में न पड़े जहाँ पश्चाताप का कोई अवसर नहीं होता।″
संत पापा ने कहा, ″हम अपने प्रियजनों की आत्मा को जो संस्कार ग्रहण किये बिना मर गये हैं या जिन्हें पश्चाताप का अवसर ही न मिला हो उन्हें प्रभु को अर्पित करें।
उनके असीम दयावान हाथों में हम उन्हें सौंप दें। कृपा दे कि हमारी शारीरिक मृत्यु में हम सजग और सभी भलाई के कार्यों में योग्य पाये जाएँ। इस पृथ्वी की कोई भी ताकत हमें आप से अलग न करे किन्तु अनन्त काल तक आपके साथ विश्राम करने में मदद करे। आमेन।

मृत विश्वासियों के लिए प्रार्थना करने के पश्चात् संत पापा ने धन्य कुँवारी मरिया की याद की और कहा कि धन्य कुँवारी मरिया जिन्होंने क्रूस के नीचे ख्रीस्त के दुःख तथा पुनरुत्थान में भाग लिया है। माता मरिया स्वर्ग का द्वार, मृत विश्वासियों के लिए प्रार्थना के महत्व को अधिक से अधिक समझने में हमारी मदद करे। वे हमारे करीब हैं तथा पृथ्वी पर हमारी दैनिक तीर्थयात्रा में हमें मदद करती हैं। हमारे जीवन का अंतिम लक्ष्य ‘स्वर्ग’ को न खोने में हमारी मदद करे। ये आशा हमें कभी निराश नहीं करेगी।

इतना कहने का बाद संत पापा ने देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया। देवदूत प्रार्थना के उपरांत उन्होंने देश-विदेश से एकत्र सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया।
अंत में उन्होंने शुभ रविवार तथा मृत विश्वासी दिवस की मंगलकामनाएँ अर्पित की और सभी विश्वासियों से अपने लिए प्रार्थना का आग्रह किया।








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