2014-11-03 14:03:01

प्रतिद्वंद्विता और मिथ्या सम्मान कलीसिया को कमजोर करते


वाटिकन सिटी, सोमवार 3 नवम्बर, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 3 नवम्बर को वाटिकन सिटी के अतिथि आवास के प्रार्थनालय में यूखरिस्तीय बलिदान चढ़ाते हुए उपदेश में कहा कि कलीसिया को प्रतिद्वंद्विता और मिथ्या सम्मान कमजोर करते हैं। हमें तो चाहिये कि हम नम्रता और सौहार्दपूर्ण व्यवहार करें जिसमें कोई स्वार्थ न हो।
संत पापा ने सोमवार को यूखरिस्तीय बलिदान चढ़ाते समय प्रेरित संत पौलुस द्वारा फिलिप्पियों को लिखे पत्र पर अपने चिन्तन प्रस्तुत करते हुए कहा कि एक धर्माध्यक्ष का दायित्व है कि वह पूरी कलीसिया को प्रेम, एकता, और सौहार्दपूर्ण भाव से देखे।
सद्भावना एक ऐसी कृपा है जिसे ईश्वर ही हमें पवित्र आत्मा के द्वारा दिया है पर ज़रूरी है कि हम अपना दायित्व निभायें। सदा दूसरों को अपने से भला समझें। यह आज की बात नहीं है पर आरंभ से ही इस बात पर बल दिया गया है।
संत पापा ने कहा कि संत मार्टिन दे पोर्रेस को लोग ' विनीत दोमिनिकन फ्रेर ' के नाम से याद करते हैं। उनकी आध्यात्मिकता थी – सेवामय जीवन, क्योंकि वे यह मानते थे कि " वे यहाँ तक कि पापियों से भी छोटे हैं।"
सुसमाचार पर अपने चिन्तन प्रस्तुत करते हुए संत पापा ने कहा कि ऐसा होना कलीसिया के घातक है यदि पल्ली, संस्थायें या पल्ली के अन्य संगठन सेवा या प्रेम के बदले अपने स्वार्थ की बातें सोचें।
संत पापा ने उपस्थित लोगों को सलाह दी कि वे अंतःकरण की जाँच करें और देखें कि उन्होंने किस तरह से उन्होंने प्रेम, सद्भावना, वार्ता आदि को प्रोत्साहन दिया है।








All the contents on this site are copyrighted ©.