चेन्नई, शुक्रवार 31 अक्तूब, 2014 (उकान) मद्रास मैलापूर के महाधर्माध्यक्ष जोर्ज अन्तोनसामी
ने भारतीय ईशशास्त्रियों से आग्रह कि या है कि वे भारतीय ख्रीस्तीय समुदाय के लिये संस्कृतिकरण
की प्रेरितिक पक्षों पर चिन्तन करें और विचार दें।
महाधर्माध्यक्ष जोर्ज ने उक्त
बात उस समय कहीं जब उन्होंने चेन्नई स्थित ध्यानाश्रम में इंडिया थियोलोजिकल असोसिएशन
में की सभा का उद्घाटन किया।
भारतीय ईशशास्त्रियों की सभा ने नयी ईशशास्त्र की
संस्कृति विषय पर विचार-विमर्श किया। सभा के अध्यक्ष फादर अन्तोनी कलियथ ने सभा को
संबोधित करते हुए कहा कि आज ज़रूरत है एक ऐसी नयी ईशशास्त्र की जो स्थानीय कलीसिया के
साथ-साथ सार्वभौमिक कलीसिया की सेवा करे।
सभा में भाग लेनेवाले प्रतिनिधियों
ने इस बात पर बल दिया कि थियोलॉजी के लिये ज़रूरी है संदर्भ।
सभा में उपस्थित
मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रोफेसर ए. मार्क्स ने सभा में संदर्भ का विश्लेषण किया। जेस्विट
फादर रूदी हेरेदिया ने इस क्षेत्र में धर्म के महत्व और आम आदमी की भूमिका की चर्चा की।
इस सभा में कई अन्य ईशशास्त्रियों के अलावा लेखक और कार्यकर्ता सुश्री बामा,
श्री सुन्दराजन, डॉक्टर कोचुरानी तथा डॉ. एस बासुमात्री भी उपस्थित थीं।