वाटिकन सिटी, शुक्रवार 31 अक्तूबर, 2014 (सेदोक,वी.आर) संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार
31 अक्तूबर को वाटिकन स्थित सान्ता मार्था अतिथिनिवास के प्रार्थनालय में यूखरिस्तीय
बलिदान अर्पित करते हुए अपनी प्रवचन में जो ज्ञान प्रेम से प्रेरित होकर विवेकपूर्ण निर्णय
तथा पूर्णता की बढ़ता है वहीं पवित्रता, मुक्ति और येसु मसीह को प्राप्त करता है। संत
पापा ने कहा कि यही वह रास्ता है जिसे येसु मसीह हम सबको बतलाना चाहते हैं जो फरीसियों
या वकीलों के ठीक विपरीत है। और यही है नियम का सही अर्थ। ऐसा करने ने व्यक्ति ईश्वर
तक पहुँचता है और नियम मात्र पर आसक्त नहीं रह जाता है। जो व्यक्ति सिर्फ़ नियम पर
अपना ध्यान केन्द्रित करता है स्वार्थी बनता, घमंड करता और अंधकार में भटक जाता है। संत
पापा ने कहा कि प्रेम नियम मात्र पर भरोसा नहीं करता पर आशा का दरवाज़ा खोल देता है।
कुछ ऐसे ख्रीस्तीय हैं जो नियम के प्रति वफ़ादार रहते और न्याय और प्रेम का तिरस्कार
करते। ऐसे लोग प्रेम और न्याय से दूर भटक जाते हैं क्योंकि नियम प्रेम है नियम के अक्षर
नहीं। संत पापा ने कहा कि प्रेरित संत पौल फिलीप्पियों को लिखे अपने पत्र में कहते
हैं कि हमें चाहिये कि हम अपनी ईमानदारी और निष्ठा से विवेकपूर्ण निर्णय करें और नियम
का पालन सप्रेम करें। संत पापा ने कहा कि इसी पथ को दिखलाने के लिये येसु मनुष्य
बने ताकि हमें बचायें और उनको बचायें जो ज़रूरतमंद हैं। ईश्वर चाहते हैं कि ढोंगी
नहीं पर येसु के समान सप्रेम लोगों के लिये कार्य करें और उनके हित के लिये दुःख उठायें
जैसा कि उन्होंने किया।