वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 30 अक्तूबर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ ″शैतान एक काल्पनिक कथा नहीं
किन्तु वास्तविक है और इसे सच्चाई द्वारा जीता जाना चाहिए।″
वाटिकन स्थित प्रेरितिक
आवास संत मार्था के प्रार्थनालय में बृहस्पतिवार 30 अक्तूबर को पावन ख्रीस्तयाग अर्पित
करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि ख्रीस्तीय जीवन शैतान, संसार एवं शारीरिक वासना
के विरूद्ध एक संघर्ष है। संत पापा ने प्रवचन में एफेसियों के नाम संत पौलिस के पत्र
पर चिंतन किया जहाँ वे कहते हैं कि शैतान का अस्तित्व है तथा हमें सच्चाई की शक्ति द्वारा
इस पर विजय पाना चाहिए। संत पापा ने कहा कि साहस एवं सुदृढ़ता द्वारा ही ईश्वर प्रदत्त
जीवन को सुरक्षित रखा जा सकता है। अपने आध्यात्मिक जीवन में आगे बढ़ने हेतु हमें लड़ना
है। यद्यपि यह संघर्ष सहज नहीं है तथापि हमें इस संघर्ष में निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए।
संत
पापा ने बतलाया कि ख्रीस्तीय जीवन के तीन प्रमुख शत्रु हैं – शैतान, संसार एवं शरीर। हमें
इनसे बचने के लिए क्या करना चाहिए? संत पापा ने बचने का उपाय बतलाते हुए कहा कि हमें
ख्रीस्त रूपी कवच को धारण करना होगा। संत पौलुस बतलाते हैं कि ईश्वर ही अपने लोगों को
शैतान की धूर्तता से बचाने में समर्थ हैं। ख्रीस्तीय जीवन प्रलोभन से खाली नहीं है, शैतान
से संघर्ष किये बगैर तथा ईश्वर का कवच धारण किये बिना हम उस प्रलोभन पर विजय प्राप्त
नहीं कर सकते। संत पौलुस के अनुसार हमें निरे मनुष्यों से नहीं, बल्कि इस अन्धकारमय
संसार के अधिपतियों, अधिकारियों तथा शासकों और आकाश के दुष्ट आत्माओं से संघर्ष करना
पड़ता है।
संत पापा ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज की पीठी मानती है कि शैतान
एक काल्पनिक कथा है यह एक चित्र तथा एक विचार मात्र है। उन्होंने कहा किन्तु शैतान का
अस्तित्व है जिससे हमें युद्ध करना है। शैतान झूठा है वह झूठ का बाप है तथा झूठ बोलने
वालों का भी बाप है। अतः संत पौलुस विश्वासियों को सलाह देते हैं, आप ईश्वर के अस्त्र-शस्त्र
धारण करें, जिससे आप दुर्दिन में शत्रु का सामना करने में समर्थ हों और अन्त तक अपना
कर्तव्य पूरा कर विजय प्राप्त करें। आप सत्य का कमर बन्द कस कर, धार्मिकता का कवच धारण
कर और शान्ति-सुसमाचार के उत्साह के जूते पहन कर खड़े हों।″
संत पापा ने कहा
कि शैतान पर जीत पाने के लिए विश्वास की आवश्यकता है ख्रीस्तीय जीवन एक सैनिक की तरह
संघर्ष का जीवन है किन्तु जब हमारी विजय होती है जो ईश्वर हमारे जीवन के हर कदम को आनन्द
से भर देता है। यही हमारी मुक्ति है। संत पापा ने कहा कि आलस हमें संघर्ष करने से
रोकता हैं इसलिए हम पाप में पड़ जाते हैं किन्तु निरुत्साह न हों क्योंकि प्रभु सदा हमारे
साथ हैं।