करीतास इंडिया ने पृथ्वी की देखभाल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया
नई दिल्ली, बृहस्पतिवार, 30 अक्तूबर 2014 (ऊकान)꞉ काथलिक संस्था करीतास इंडिया ने, जलवायु
परिवर्तन के मद्देनजर पर्यावरण सुरक्षा हेतु, रखवाले के रूप में पृथ्वी की देखभाल के
लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के विभिन्न
कार्यालयों के साथ, दिल्ली के स्वयंसेवकों, कर्मचारियों तथा ग़ैरसरकारी संस्थाओं की कारीतास
इंडिया ने मंगलवार को एक सभा का आयोजन किया।
करीतास इंडिया के अध्यक्ष फादर फ्रेडरिक
डीसूजा ने कहा, ″करीतास पृथ्वी की देखभाल हेतु समर्पित है तथा भारत एवं विदेश में अपने
सदस्यों के समर्थन द्वारा सुचारु रूप से कार्य करता है।″ गैरसरकारी स्वयंसेवक संस्थाओं
के साथ मिलकर जलवायु परिवर्तन पर कार्यरत दक्षिण एशिया के लिए जलवायु एक्शन नेटवर्क के
निर्देशक संजय वाशिष्ठ ने कहा कि देश में कई सालों से लगातार हो रहे बाढ़ जलवायु परिवर्तन
के स्पष्ट परिणाम हैं।
उन्होंने कहा कि वैश्विक औसत तापमान में वृद्धि, सन्
1960 के दसक से ही वर्फ को 10 प्रतिशत अधिक पिघलने में मदद कर रहा है जिसके कारण सागर
का जलस्तर बढ़ रहा है। वाशिष्ठ ने कहा, "जलवायु परिवर्तन इबोला जैसे वायरस के लिए
अनुकूल परिस्थिति उत्पन्न करता है।" जानकारों का मानना है कि मानव प्राणी जयवायु
परिवर्तन के मूल कारण हैं।