कट्टर हिन्दु समाचार सेवा प्रजातंत्र के लिये ' त्रासदी '
अहमदाबाद, बृहस्पतिवार 30 अक्तूबर, 2014 (एशियान्यूज़) गुजरात के अहमदाबाद स्थित ' प्रशांत
सेंटर फॉर ह्रमन राइट्स जस्टिस एंड पीस ' के निदेशक जेस्विट फादर सेड्रिक प्रकाश ने
कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दैनिक हिंदुस्तान समाचार को भारत की अन्य तीन भाषाओं
में विस्तार करने की योजना भारत की धर्मनिर्पेक्ष और प्रजातांत्रिक मूल्यों के लिये खतरा
है।
मालूम हो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( आरएसएस) कट्टर हिन्दुवादी संगठन है
जो भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ी हुई है। संगठन ने 29 अक्तूबर बुधवार को घोषणा की
है कि वे हिन्दुस्तान समाचार दैनिक का विस्तार करेंगे और तीन अन्य भारतीय भाषाओं में
इसका प्रकाशन करेंगे। ऐसा करने से हिन्दुस्तान समाचार का प्रकाशन अब 13 भाषाओं में होने
लगेगा।
समाचार के अनुसार बीजेपी चाहती है कि अपने कार्यक्षेत्र के विस्तार के
द्वारा यह तेलगु, उर्दु और ओरिया भाषा- भाषियों से भी अपना संबंध बढ़ाये।
फादर
सेड्रिक का मानना है इस अर्थ में कि संविधान में निहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत्
आरएसएस के इस कदम को उचित ठहराया जा सकता है पर यदि आरएसएस की विचारधारा पर गौर करे
तो यह न केवल कट्टरवादी है पर यह फासीवाद को बढ़ावा देती रही है।
फादर प्रकाश
ने कहा कि यह यही संगठन है जिसने महात्मा गाँधी की हत्या की। वर्त्तमान प्रधानमंत्री
मोदी की भी शिक्षा-दीक्षा भी इसी संगठन में हुई है।
हाल के दिनों में जो मोदी
के नेतृत्ववाली बीजेपी सरकार ने राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों में जो बदलाव लाये हैं वे
इसी बात की ओर इंगित करते हैं।
विदित हो कि हिन्दुस्तान समाचार फिलहाल 10 भाषाओं,
हिन्दी, अंग्रेजी, मराठी, बंगाली, गुजराती, असामी, मल्यालम, कन्नड, पंजाबी, सिन्धी और
नेपाली में समाचार प्रकाशित करती है। अब तेलगु उर्दु और ओरिया भाषाओं में भी प्रकाशित
करती है।
मालूम हो कि आरएसएस करीब 300 समचारपत्रों से जुड़ कर कार्य करते हैं
जिसमें करीब 150 इसके स्तंभ लेखक हैं तथा 500 कार्यकर्ता।