वाटिकन सिटी, बुधवार 29 अक्तूबर, 2014 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के
अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में विश्व
के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।
उन्होंने इतालवी
भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, पिछले सप्ताह हमने कलीसिया
के बारे में धर्मशिक्षामाला को जारी रखते हुए ' कलीसिया येसु का रहस्यमय शरीर ' इसके
बारे चिन्तन किया।
आज हम चिन्तन करेंगे ' कलीसिया एक दृश्यमान सत्य ' है इसके
बारे में। कलीसिया को हम पल्ली, समुदाय और उसकी संस्थाओं की संरचनाओं में देख सकते हैं।
दृश्य और येसु ख्रीस्त के शरीर अर्थात् कलीसिया के साथ के आध्यात्मिक संबंध को
समझने के लिये हमें चाहिये कि हम येसु की ही देखें जो ईशमानव हैं अर्थात् ईश्वर और मानव
दोनों हैं।
जिस प्रकार येसु की मानवता उनकी मुक्तिरूपी दिव्य मिशन को पूर्ण करने
में मदद देती है उसी प्रकार हम विश्वास की आँखों से इस बात को समझ सकते हैं कि कलीसिया
का दृश्य रूप उसके आध्यात्मिक लक्ष्य को पूरा करने में प्रयासरत है।
संस्कारों
तथा येसु का साक्ष्य देने के द्वारा कलीसिया अपनी रहस्यमय आध्यात्मिक सत्यता के लिये
कार्य करती है।
इन्हीं संस्कारों के द्वारा तथा अपनी कलीसियाई जीवन के साक्ष्य
के द्वारा कलीसिया दुनिया के लिये सुसमाचार की घोषणा करती है। कलीसिया दुनिया को यह बतलाती
है कि दयालु ईश्वर दुनिया के सब लोगों को प्यार करते हैं विशेष करके निर्धनों तथा ज़रूरतमंदों
को।
हम पिता ईश्वर से प्रार्थना करे कि वह हमें शक्ति प्रदान करे और हमें लगातार
पवित्रता में आगे बढ़ें और सदा ही मानव जाति को ईश्वर के असीम प्रेम का साक्ष्य देते
रहें।
इतना कहकर संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।
उन्होंने भारत,
इंगलैंड, चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया, वेल्स, वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड, जिम्बाब्ने,
दक्षिण कोरिया फिनलैंड, ताइवान, नाइजीरिया, आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड.
फिनलैंड, जापान, उगान्डा, कतार, मॉल्टा, डेनमार्क, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, हॉंन्गकॉंन्ग,
अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को
विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना
प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।