वाटिकन सिटी, मंगलवार, 28 अक्तूबर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ ″हमारे वचनों की ईमानदारी पूर्वक
जाँच हमें यह समझने में मदद करेगा कि हम प्रकाश के ख्रीस्तीय हैं या अंधकार के ख्रीस्तीय
अथवा धुँधले क्षेत्रों के ख्रीस्तीय।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 27 अक्तूबर
को पावन ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।
वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास
संत मार्था के प्रार्थनालय में, पावन ख्रीस्तयाग के दौरान उन्होंने एफेसियों के नाम संत
पौलुस के प्रथम पत्र पर चिंतन किया किया।
संत पापा ने कहा कि व्यक्ति अपने शब्दों
द्वारा पहचाना जाता है। प्रकाश की संतान बनने तथा अंधकार की संतान न बनने का निमंत्रण
देकर संत पौलुस ख्रीस्तीयों को शब्दों की धर्मशिक्षा देते हैं। संत पापा ने प्रवचन
में चार प्रकार के शब्दों को प्रस्तुत किया जो व्यक्ति के अंधकार की संतान होने की जानकारी
देता है।
उन्होंने कहा कि क्या हमारे शब्द पाखंडियों की तरह हैं? क्या हम इधर-उधर
से थोड़ा-थोड़ा जमा करके सब कुछ में फिट करने का प्रयास करते हैं? क्या हम अशिष्ट शब्दों
का प्रयोग करते हैं? या क्या हमारे शब्द गंदे और अश्लील हैं?
संत पापा ने कहा
कि ये शब्द प्रकाश की संतानों के शब्द नहीं हैं। वे न तो पवित्र आत्मा, न सुसमाचार और
न ही येसु के शब्द हैं वे उन लोगों के शब्द हैं जो हमेशा गंदी और सांसारिक बातों में
मन लगाये रहते हैं।
संत पापा न प्रकाश की संतान के शब्दों को प्रस्तुत करते हुए
कहा कि वे संतों के शब्द हैं। संत पौलुस कहते हैं, ″ईश्वर का अनुसरण करें आप पूर्ण
रूप से विनम्र, सौम्य तथा सहनशील बनें, प्रेम से एक दूसरे को सहन करें और शान्ति के सूत्र
में बँध कर उस एकता को बनाये रखने का प्रयत्न करते रहें, जिसे पवित्र आत्मा प्रदान करता
है।″ यही प्रकाश के संतानों के शब्द हैं जो ईश्वर की सेवा करना चाहते हैं जबकि अंधकार
की संतान पापमय जीवन व्यतीत करना पसंद करते हैं।
संत पापा ने कहा कि एक तीसरे
प्रकार के लोग हैं जो न तो प्रकाश की संतान हैं और न अंधकार की। वे धुँधले क्षेत्र के
ख्रीस्तीय है। वे गुनगुने हैं। ऐसे लोगों को ख्रीस्त पसंद नहीं करते हैं। प्रकाशना ग्रंथ
में ईश्वर ऐसे लोगों से कहते हैं कि तुम न तो गर्म हो और न ठंढा मैं तुम्हें उगल दूँगा।
संत पापा ने कहा ऐसे ख्रीस्तीय नकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करते हैं जिनसे भ्रम
पैदा होता है। संत पापा ने विश्वासियों से अपील की कि वे खोखले शब्दों के धोखे में
न पड़ें किन्तु प्रकाश की संतान की तरह आचरण करें।