2014-10-27 14:44:13

विवाह मात्र रीति रिवाज नहीं, आजीवन समर्पण


वाटिकन सिटी, सोमवार 27 अक्तूबर, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि ख्रीस्तीय विवाह में ' बहिष्कार की संस्कृति ' ने विवाह संस्था पर कई प्रश्न किये हैं और आज इसका विस्तार होता जा रहा है । आज यह बहुत ज़रूरी है कि हम परिवार को मात्र एक सामाजिक रीति-रिवाज़ के रूप में न देखें।
संत पापा ने कहा कि पुरोहित और धर्माध्यक्ष आप लोगों के साथ रहें क्योंकि कई परिवार तलाक, दूसरी शादी और विवाह विच्छेद की समस्या से तबाह हैं। आप उनका साथ दें जो ज़रूरतमंद हैं।
विदित हो कि संत पापा ने उन बातों को उस समय कहीं जब उन्होंने जर्मनी के मरिया भक्ति से जुड़े एक संगठन ' शोवेनस्टैट ' के करीब 7 हज़ार सदस्यों को वाटिकन सिटी में अवस्थित संत पौल षष्ट्म सभागार में संबोधित किया।
मालूम हो शोवनस्टैट नामक इस अन्तरराष्ट्रीय मरियन संघ की स्थापना 100 वर्ष पूर्व जर्मनी में हुई थी। लोकधर्मियों के साथ-साथ याजक वर्ग भी सदस्य भी है जो करीब एक दर्जन देशों में सक्रिय हैँ।
संत पापा ने कहा कि पुरोहितों को चाहिये कि वे ऐसे लोगों का साथ निकट से दें जो ऐसा अनुभव करते हैं कि कलीसिया के सदस्य उनका स्वागत नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि कई ऐसे परिवार हैं जहाँ माता-पिता एक-दूसरे से अलग हो गये हैं। माता बच्चों के लिये बहुत कम समय दे पाती है इस हमें " पूर्णतः विनाशक सह-निवास " का रूप कह सकते हैं।
संत पापा ने कहा कि काथलिक विवाह जीवनपर्यंत है पर आज परिवार एक समस्या से जूझ रही है वह है " फेंकनवाली संस्कृति "। इसके अनुसार जिससे काम न चले या आगे बढ़ना कठिन हो तो उसका परित्याग कर दिया जाता उसे छोड़ दिया जाता है।
मरिया भक्तों को संबोधित करते हुए संत पापा ने कहा कि बिना मरिया के कलीसिया अनाथ है। प्रार्थना विषय पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हममें प्रार्थऩा करने का साहस होना चाहिये। बिना साहस के प्रार्थना करने से इसकी कृपा हमें नहीं मिलती।
उन्होंने कहा कि कलीसिया के नवीनीकरण के लिये चाहिये आन्तरिक मनफिराव। कूरिया और वाटिकन बैंक का सुधार इसकी प्राथमिकता नहीं है। आऩ्तरिक पवित्रता से कलीसिया का नवीनीकरण संभव हो सकता है।
संत पापा ने कहा कि आप नियमों के गठरी से अपने आप को मत बाँध लीजिये यह नियम का मज़ाक है।










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