2014-10-25 14:11:02

सुसमाचार देती है- आशा


वाटिकन सिटी, शनिवार 25 अक्तूबर, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने इतालवी धर्माध्यक्षीय समिति द्वारा युवाओं के लिये ' आशा की अस्थिरता ' विषय पर आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन के लिये अपना संदेश भेजा है।

इतालवी धर्माध्यक्षीय समिति के सदस्यों ने युवाओं के लिये तीन दिवसीय सम्मेलन बुलाया है ताकि युवाओं के मन से अनिश्चितता और द्विधा को दूर कर उनमें आशा का संचार कर सके।

संत पापा ने अपने संदेश में कहा कि जब उन्होंने इटली का दौरा किया तो अपनी आँखों से देखा कि युवा बेराज़गार हैं या हम कहें उनकी स्थिति बिल्कुल अनिश्चित है जिसका कारण सिर्फ़ आर्थिक मंदी नहीं है। उनकी समस्या है - मानव मर्यादा का अभाव। जहाँ रोज़गार नहीं, वहाँ मर्यादा नहीं।

संत पापा ने कहा कि खेद के साथ कहना पड़ता है कि इटली में कई युवा बेरोज़गार है।

जिनके पास रोज़गार है वे ही अपने भविष्य की योजना बना सकते हैं, परिवार बसाने की बात सोच सकते हैं। जब युवाओं के पास रोज़गार है तब वे वास्तव में युवा होने का आनन्द प्राप्त करते हैं।

संत पापा ने कहा कि दूसरी बात है जिसे मैंने देखा, वह है " बरबादी की संस्कृति " । इसका मतलब है यदि हमें फायदा नहीं होता है तब हम उसे फेंक देते या उसका बहिष्कार करते हैं।

कई बार समाज युवाओं को दुत्कारती है क्योंकि वे बेरोज़गार हैं। और ऐसा करते हुए वह युवाओं के भविष्य को दुत्कारती है।

संत पापा ने कहा कि ऐसी परिस्थिति का हमें विरोध करना चाहिये । हमें बरबादी की संस्कृति का विरोध करना है क्योंकि यही अस्थिरता पैदा करती है।

संत पापा ने कहा कि एक ओर अस्थिरता है पर दूसरी ओर है - आशा। सुसमाचार की शक्ति से हम इस अस्थिरता की स्थिति को भी आशा में बदल सकते हैं क्योंकि यह शक्ति येसु से आती है जिन्होंने हमारे साथ निवास किया और हमारी असुरक्षा का सहभागी बना।

उन्होंने कहा कि युवा काथलिक कलीसिया के अंग है इसलिये उन्हें सुसमाचार का वरदान और मिशन भी प्राप्त है। इसी सुसमाचार से हम दूसरों के साथ एक हो सकते हैं और उनके साथ मिलकर कार्य कर सकते हैं।

सुसमाचार की शक्ति में ही आशा की शक्ति है जो अनिश्चतता को दूर करती है और सुसमाचार ही हमारे जीवन में आशा का साक्ष्य प्रदान करेगी।

ईश्वर आपके नेक कार्यों में आपकी मदद करे। आप मेरे लिये प्रार्थना करें और मैं आपके लिये।

















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