वाटिकन सिटी, शनिवार 25 अक्तूबर, 2014 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार
23 अक्तूबर को अपील की है कि लोग मृत्यु दंड और ' इसके विभिन्न् रूपों ' को समाप्त करने
संघर्ष जारी रखें तथा जेल में कैदियों की स्थिति सुधार करने के लिये कदम उठाये जायें
। संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने अपराध संबंधी कानून के लिये बनी
अन्तरराष्ट्रीय संगठन के सदस्यों को वाटिकन सिटी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज
ज़रूरत है मानव तस्करी और भ्रष्टाचार जैसी बुराइयों से समाज को मुक्ति दिलाने की और एक
ऐसे कानून बनाने की जो मानव मर्यादा का सम्मान करे। संत पापा ने कहा कि 'आजीवन कारावास'
की सज़ा 'गुप्त मृत्यु दंड' ही है और इसीलिये इस सज़ा को वाटिकन पेनल कोड से निरस्त
कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कई बार राजनीति और मीडिया एक होकर दूसरों को बलि
का बकरा बनाते हुए ' हिंसा और व्यक्तिगत तथा सार्वजनिक बदले की भावना ' को बढ़ावा देते
हैं। उन्होंने संत जोन पौल द्वितीय के विचारों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी
धर्मशिक्षा में सदा ही मृत्यु दंड का विरोध किया था। संत पापा ने न्यायेतर और अतिरिक्त
कानून के तहत् किसी को मृत्यु दंड देने को अधिकारियों द्वारा " जानबूझकर की गयी हत्या
" है। संत पापा ने ईसाइयों से अपील की है कि वे कानूनी या ग़ैरकानूनी मृत्यु
दंड का विरोध करें।