वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 23 अक्टूबर 2014 (वीआर सेदोक)꞉ ″पवित्र आत्मा की कृपा के बिना
आप ख्रीस्तीय नहीं बन सकते जो हमें प्यार करने की शक्ति प्रदान करते हैं।″ यह बात संत
पापा फ्राँसिस ने 23 अक्तूबर को पावन ख्रीस्तयाग के दौरान प्रवचन में कही।
वाटिकन
स्थित प्रेरितिक आवास संत मार्था के प्रार्थनालय में उन्होंने एफेसियों के नाम संत पौलुस
के पत्र पर चिंतन किया जहाँ संत पौलुस विश्वासियों को, येसु के प्रति अपना अनुभव बतलाते
हुए कहते हैं कि उन्होंने ख्रीस्त के प्रेम के खातिर सबकुछ का परित्याग किया। उन्होंने
विश्वासियों को पवित्र आत्मा की शक्ति से विभूषित करने हेतु पिता ईश्वर से प्रार्थना
की क्योंकि उनके अनुसार एक ख्रीस्तीय धर्मानुयायी पवित्र आत्मा की कृपा के बिना ख्रीस्तीय
नहीं हो सकता। पवित्र आत्मा ही हमारे हृदय को परिवर्तित करता तथा सदगुणों के अभ्यास एवं
आज्ञाओं के पालन के लिए शक्ति प्रदान करता है।
संत पौलुस पिता ईश्वर से दूसरी
कृपा के रूप में ख्रीस्त की उपस्थिति मांगते हैं क्योंकि ख्रीस्त हमें प्रेम में बढ़ाते
हैं और ख्रीस्त के प्रति प्रेम सभी प्रकार के ज्ञान से बढ़कर है।
संत पापा ने
कहा कि संत पौलुस हमें प्रशंसा की प्रार्थना करना सिखलाते हैं। उनके अनुसार जब हम ईश्वर
की आराधना करते तथा उनसे पवित्र आत्मा के लिए प्रार्थना करते हैं तो हमें ख्रीस्त के
प्रेम को समझने तथा उसके प्रेम में बढ़ने का बल प्राप्त होता है।
संत पापा ने
विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा कि संत पौलुस ने इसी आंतरिक कृपा द्वारा प्रेरित होकर
ख्रीस्त के प्रेम के सम्मुख दुनिया की सभी वस्तुओं को नगण्य समझा जिससे वे मसीह को प्राप्त
कर सकें।