2014-10-22 12:14:22

न्यूयॉर्कः "देशज जातियों के विरुद्ध भेदभाव नहीं किया जाये", वाटिकन अधिकारी


न्यूयॉर्क, बुधवार, 22 अक्टूबर सन् 2014 (सेदोक): वाटिकन ने अपील की है कि देशज जातियों के विरुद्ध किसी भी प्रकार का भेदभाव न किया जाये।

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र संघीय महासभा के 69 वें सत्र में, सोमवार, 20 अक्टूबर को, सदस्य राष्ट्रों को सम्बोधित कर वाटिकन के अधिकारी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष बेरनारदीतो आऊज़ा ने देशज जातियों के मानवाधिकारों एवं उनकी मूलभूत स्वतंत्रता की रक्षा किये जाने की अपील की।

उन्होंने कहा, "परमधर्मपीठ का दृढ़ विश्वास है कि नस्ल, लिंग, धर्म अथवा जाति पर आधारित किसी भी प्रकार के भेदभाव को सहा नहीं जाना चाहिये।"

इस बात पर बल देकर कि देशज जातियों की विशिष्टता एवं उनकी संस्कृतियों को महत्व देने का अर्थ अतीत में जाना कदापि नहीं है महाधर्माध्यक्ष आऊज़ा ने कहा, "इसका अर्थ है देशज जातियों की मान मर्यादा के प्रति सम्मान, नीति निर्धारण प्रक्रिया में उन्हें प्रतिनिधित्व प्रदान करना तथा उनके सामुदायिक रीति रिवाज़ों के आधार पर उन्हें विकास के अवसर मुहैया कराना।"

उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण, औद्योगिकरण एवं शहरीकरण के समक्ष देशज जातियों के मूल्यों को दरकिनार नहीं किया जा सकता।

महाधर्माध्यक्ष आऊज़ा ने कहा कि विश्व की देशज जातियों को भी किसी अन्य व्यक्ति की तरह विकास का पूर्ण अधिकार है और विकास की इस प्रक्रिया में उनकी संस्कृति, उनके मूल्यों एवं उनकी अस्मिता को बरकरार रखने का हर सम्भव प्रयास किया जाना चाहिये।









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